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Tokyo Paralympics: हरविंदर सिंह ने इतिहास रचते हुए तीरंदाजी में जीता पदक, नोएडा के डीएम सुहास सेमीफाइनल में, कुल पदकों की संख्या 13

By भाषा | Published: September 03, 2021 10:16 PM

Tokyo Paralympics: पैरालम्पिक में तीरंदाजी स्पर्धा में भारत को पहला पदक दिलाने वाले हरविंदर सिंह को अर्थशास्त्र की पढ़ाई के दौरान किया गया शोध और विश्लेषण काफी काम आया।

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ठळक मुद्देटोक्यो में भारतीय पैरालम्पिक खिलाड़ियों का नई बुलंदियों को छूने का सिलसिला शुक्रवार को जारी रहा।परिवार के खेत को तीरंदाजी रेंज में बदल डाला।भारत ने शुक्रवार को तीन और पदक जीते जिससे कुल पदकों की संख्या 13 हो गई है।

Tokyo Paralympics: निशानेबाज अवनि लेखरा ने फिर इतिहास रचा, जबकि 18 वर्ष के प्रवीण कुमार ने एशियाई रिकॉर्ड के साथ रजत पदक जीता और हरविंदर सिंह ने पैरालम्पिक खेलों के इतिहास में तीरंदाजी में भारत को पहला पदक दिलाया।

टोक्यो में भारतीय पैरालम्पिक खिलाड़ियों का नई बुलंदियों को छूने का सिलसिला शुक्रवार को जारी रहा। भारत ने शुक्रवार को तीन और पदक जीते जिससे कुल पदकों की संख्या 13 हो गई है। इसमें दो स्वर्ण, छह रजत और पांच कांस्य शामिल है। पैरालम्पिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर चुके भारतीय खिलाड़ी उस लय को बरकरार रखे हुए हैं। दिन की शुरुआत प्रवीण के रजत पदक से हुई।

अठारह वर्षीय कुमार ने पैरालंपिक में पदार्पण करते हुए 2.07 मीटर की कूद से एशियाई रिकार्ड के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। वह ब्रिटेन के जोनाथन ब्रूम एडवर्ड्स के पीछे रहे जिन्होंने 2.10 मीटर की कूद से सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। कुमार ने अपने शानदार प्रदर्शन के बाद कहा, ‘‘मैं बयां नहीं कर सकता कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूं। यह कूद शानदार थी। यह मेरे पहले पैरालंपिक खेल हैं और आगे क्या होता देखते हैं। ’’ यह कुमार का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है और 2019 में खेल में आने के बाद पहला बड़ा पदक भी है।

पिछले साल कोरोना संक्रमण से जूझने वाले नोएडा के निवासी कुमार यहां भारतीय दल के सबसे युवा पदक विजेता भी बन गये हैं। टी64 वर्ग में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनका पैर किसी वजह से काटना पड़ा हो और ये कृत्रिम पैर के साथ खड़े होकर प्रतिस्पर्धा करते हैं। कुमार टी44 वर्ग के विकार में आते हैं लेकिन वह टी64 स्पर्धा में भी हिस्सा ले सकते हैं। इसके बाद लेखरा ने दूसरी बार इतिहास रचा और एक ही पैरालम्पिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई।वह पहले ही 10 मीटर एयर राइफल का स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुकी हैं ।

उन्नीस साल की लेखरा ने 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच1 स्पर्धा में 1176 के स्कोर से दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल के लिये क्वालीफाई किया था जिसमें 51 ‘इनर 10’ (10 अंक के 51 निशाने) शामिल थे। फाइनल काफी कड़ा मुकाबला रहा जिसमें लेखरा ने कुल 445.9 अंक का स्कोर बनाया और वह यूक्रेन की इरिना श्चेटनिक से आगे रहकर पदक हासिल करने में सफल रहीं। वहीं यूक्रेन की निशानेबाज एलिमिनेशन में खराब शॉट से पदक से चूक गयीं। उन्होंने कहा, ‘‘यह मुश्किल फाइनल था लेकिन मैं खुश हूं कि कांस्य पदक जीत सकी। मैं इससे भी बेहतर कर सकती थी।

फाइनल का आप पर ऐसा ही असर होता है। ’’ उनसे पहले जोगिंदर सिंह सोढी ने 1984 पैरालम्पिक में एक रजत और एक कांस्य पदक जीता था । लेखरा को अभी मिश्रित 50 मीटर राइफल प्रोन एसएच1 में दीपक और सिद्धार्थ बाबू के साथ खेलना है। शाम को हरविंदर सिंह ने पैरालम्पिक की तीरंदाजी स्पर्धा में भारत को पहला पदक दिलाया जिन्होंने पुरुषों के व्यक्तिगत रिकर्व वर्ग में कांस्य पदक के लिये रोमांचक शूटआफ में कोरिया के किम मिन सू को मात दी । दुनिया के 23वें नंबर के खिलाड़ी सिंह ने 2018 पैरा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था ।

पटियाला स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के छात्र सिंह ने कांस्य पदक के प्लेआफ में 5 . 3 से बढ़त बना ली थी लेकिन कोरियाई तीरंदाज ने पांचवां सेट जीतकर मुकाबले को शूटआफ में खींचा । सिंह ने परफेक्ट 10 लगाया जबकि किम 8 ही स्कोर कर सके। सिंह ने 26 . 24, 27 . 29, 28 . 25, 25 . 25, 26 . 27, 10 . 8 से जीत दर्ज की ।

सेमीफाइनल में वह अमेरिका के केविन माथेर से 4 . 6 से हार गए थे । बैडमिंटन में प्रमोद भगत और उनकी जोड़ीदार पलक कोहली ने मिश्रित युगल स्पर्धा के सेमीफाइनल के लिये क्वालीफाई किया जबकि तीन एकल खिलाड़ी सुहास यथिराज, तरुण ढिल्लों और मनोज सरकार ने लगातार शानदार प्रदर्शन करते हुए अंतिम चार में जगह बनायी।

पहले ही एसएल3 वर्ग में सेमीफाइनल के लिये क्वालीफाई कर चुके भगत और कोहली ने ग्रुप बी में थाईलैंड के सिरिपोंग टीमारोम और निपाडा साएनसुपा की जोड़ी को 29 मिनट में 21-15 21-19 से हराया जिससे वे ग्रुप बी में दूसरे स्थान पर रहे। इस भारतीय जोड़ी को शनिवार को सेमीफाइनल में इंडोनेशिया की हैरी सुसांतो एवं लीएनी रातरी की जोड़ी का सामना करना होगा।

पुरुषों के एकल में नोएडा के जिलाधिकारी सुहास, तरुण और मनोज ने अपना दूसरा ग्रुप मैच जीतकर सेमीफाइनल के लिये क्वालीफाई किया। महिला केनोइंग, पुरूषों के शॉटपुट और महिला क्लब थ्रो में भारत को पदक नहीं मिल सका। 

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