नयी दिल्ली, 22 जून ओलंपिक के लिये जाने वाले भारतीय दल के लिये भेदभावपूर्ण नियमों को लेकर नाराजगी जताते हुए खेलमंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि जापान स्थित भारतीय दूतावास इस मसले को सुलझाने के लिये सक्रिय है और औपचारिक शिकायत दर्ज की जा चुकी है ।
जापान सरकार ने ओलंपिक के लिए जाने वाले भारतीय खिलाड़ियों और अधिकारियों को रवानगी से एक हफ्ते पहले प्रतिदिन कोविड-19 जांच कराने और पहुंचने के बाद तीन दिन तक किसी अन्य देश के किसी भी व्यक्ति से मेलजोल नहीं करने को कहा है जिससे भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) काफी नाराज है। ये सख्त नियम उन 11 देशों के सभी यात्रियों (खिलाड़ी, कोच व सहयोगी स्टाफ शामिल) के लिए लगाए गए हैं जहां कोविड-19 के अलग-अलग मामले सामने आए हैं। इन देशों में भारत भी शामिल हैं। IOA ने इसकी काफी कड़ी आलोचना की है और इन्हें अनुचित और भेदभावपूर्ण बताया है ।
रीजीजू ने ओलंपिक से एक महीने पहले आनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में पूछे जाने पर कहा ,‘‘ तोक्यो में हमारे दूतावास में ओलंपिक प्रकोष्ठ बनाया गया है जो काफी सक्रिय है और इस मसले पर काम कर रहा है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ ओलंपिक चार्टर के तहत किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिये । अगर हमारे खिलाड़ियों की तैयारियों पर इसका विपरीत असर पड़ता है तो खेलमंत्री होने के नाते विरोध करना मेरा कर्तव्य है । हमारी प्राथमिकता अपने खिलाड़ियों को सुरक्षित माहौल देना है और यह सुनिश्चित करना भी है कि वे किसी मानसिक दबाव में नहीं रहे ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ मैने भारतीय ओलंपिक संघ से आयोजकों को हमारी शिकायत दर्ज कराने के लिये कह दिया है जो उन्होंने कर दी है । उम्मीद है कि तोक्यो में हमारा ओलंपिक प्रकोष्ठ जल्दी ही कोई समाधान निकालेगा।
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