कोलकाता: विश्व फुटबॉल संचालन संस्था फीफा (FIFA) द्वारा भारतीय फुटबॉल महासंघ के निलंबन पर AIFF सचिव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को एआईएफएफ को अपने संविधान पर फैसला करने की अनुमति देनी चाहिए। सोमवार को फीफा के एक्शन के बाद दत्ता ने कहा, यह भारत की पूरी फुटबॉल बिरादरी के लिए बहुत अपमानजनक है।
उन्होंने कहा, हमें यह समझना चाहिए कि फीफा किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता है। कोर्ट को आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए और किसी भी हस्तक्षेप को तुरंत दूर करना चाहिए। भारतीय फुटबॉल महासंघ के सचिव ने कहा, अदालत को एआईएफएफ को अपने संविधान पर फैसला करने की अनुमति देनी चाहिए। मुझे लगता है कि अगर फीफा द्वारा हमें प्रतिबंधित किया जाता है तो यह भारतीय फुटबॉल के लिए एक बड़ा नुकसान होने जा रहा है।
ट। फीफा के नियमों के गंभीर उल्लंघन की वजह से यह निर्णय लिया गया है। फीफा ने अपने बयान में कहा, फीफा परिषद के ब्यूरो ने सर्वसम्मति से अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को तीसरे पक्ष के अनुचित प्रभाव के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया है, जो फीफा के नियमों का गंभीर उल्लंघन है।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में ही फीफा ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को निलंबित करने की धमकी दी थी। इसके साथ ही फीफा ने अक्तूबर में होने वाले महिला अंडर-17 विश्वकप की मेजबानी के अपने अधिकार भी छीन लेने की चेतावनी दी थी।
यह चेतावनी एआईएफएफ के चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के कुछ ही दिनों बाद दी गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी है और 28 अगस्त को चुनाव होने हैं।