दोहा: कतर में जारी फीफा वर्ल्ड कप-2022 के ग्रुप-ई में अपने पहले ही मैच में चार बार की चैम्पियन टीम जर्मनी को बुधवार को जापान से 1-2 से चौंकाने वाली हाल मिली। इस मैच के शुरू होने से पहले एक विवाद भी सामने आया जब जर्मनी के खिलाड़ियों ने फोटो सेशन के दौरान अपने हाथ से मुंह ढक लिए। माना जा रहा है कि यह कतर में भेदभाव का विरोध करने के लिए 'वनलव' आर्मबैंड (बांह पर पट्टी बांधना) पहनने की योजना पर फीफा के कड़े रुख के विरोध का तरीका है।
दरअसल, जापान के खिलाफ बुधवार के मैच से पहले टीम पारंपरिक तरीके से खड़ी हुई लेकिन सभी 11 खिलाड़ियों ने अपने दाहिने हाथ से अपना मुंह ढक लिया। यह जर्मनी सहित सात यूरोपीय संघों को फीफा की चेतावनी पर प्रतिक्रिया थी। फीफा ने कहा था कि समावेश और विविधता के प्रतीक के रूप में रंगीन ‘वन लव’ आर्मबैंड पहनने पर खिलाड़ियों को दंडित किया जाएगा। इन सात टीम के कप्तानों ने आर्मबैंड पहनने की योजना बनाई थी।
फीफा ने दी थी पीला कार्ड दिखाने की चेतावनी
कतर अपने मानवाधिकार रिकॉर्ड और समलैंगिकता को अपराध बताने वाले कानूनों के कारण समीक्षा के दायरे में रहा है। फुटबॉल की वैश्विक संचालन संस्था फीफा ने सोमवार को उस समय चेतावनी जारी की जबकि कुछ घंटों बाद इन सात में से पहली टीम के कप्तान को आर्मबैंड पहनकर उतरना था। फीफा ने कहा कि खिलाड़ियों को तुरंत पीला कार्ड दिखाया जाएगा। फीफा के फैसले की आलोचना करने वालों में जर्मनी के कोच हेंसी फ्लिक और फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष बर्न्ड न्यूएनडॉर्फ भी शामिल थे।
इन सबके बीच मैच देखने कतर पहुंची जर्मनी की एक मंत्री नैंसी फाएजर भी फीफा की चेतावनी का विरोध करती नजर आईं। दरअसल, वह 'वन लव आर्मबैंड' पहनकर मैच देखने पहुंचीं थी। दिलचस्प ये भी रहा कि फाएजर फीफा प्रमुख जियानी इंफैंटिनो के बगल में ही आर्मबैंड पहनकर बैठी नजर आईं। उनकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं।
वन लव आर्मबैंड क्या है, कब हुई कैंपेन की शुरुआत?
साल 2020 में डच फुटबॉल एसोसिएशन द्वारा इस कैंपेन की शुरुआत की गई थी। इसका मकसद बिना किसी भेदभाव के सभी लोगों को एक बताना और उनके प्रति समर्थन जताना है। मुख्य रूप से सभी प्रकार के भेदभाव की निंदा करने के लिए वन लव अभियान शुरू किया गया था। सितंबर 2022 में यह घोषणा की गई थी कि नॉर्वे, स्वीडन और फ्रांस सहित नौ अन्य देशों की टीमें कतर विश्व कप और अगले साल के यूईएफए नेशंस लीग सहित विभिन्न आगामी मैचों में इ अभियान को अपनाएंगी।
टीम के कप्तान इस इंद्रधनुषी आर्मबैंड को पहनने के लिए सहमत हुए, जिस पर 'वनलव' शब्द लिखा होता है। साथ ही दिल की आकृति बनी होती है जिसमें कई रंगों की पट्टी बनी है। हालांकि, इस अभियान में सभी तरह के भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने की बात कही गई है और इसमें LGBTQ का भी कोई सीधा उल्लेख नहीं है, लेकिन ये भी सच है कि इंद्रधनुषी झंडा LGBTQ अधिकारों का विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रतीक है। कतर में इस आर्मबैंड को पहनना और विवादित इसलिए भी हो जाता है क्योंकि यहां समलैंगिकता अपराध है। LGBTQ के कई सदस्य यहां पूर्व में गिरफ्तार किए गए हैं।
(भाषा इनपुट)