मुंबई:महाराष्ट्र की राजनीति में एकनाश शिंदे की शिवसेना और उद्धव ठाकरे की शिव सेना (यूबीटी) की कलह किसी से छुपी नहीं है। दोनों पार्टियों के बीच कलह का ताजा मामला गुरुवार को देखने को मिला, जब शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के स्मारक पर श्रद्धाजंलि देने के लिए एकनाथ शिंदे पहुंचे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे बालासाहेब को श्रद्धाजंलि देने पहुंचे।
इस दौरान दोनों खेमे के नेता और समर्थक भी वहां मौजूद रहे कि तभी दोनों गुटों के बीच जोरदार झड़प हो गई। स्मारक के पास ही दोनों खेमों के लोगों में हिसंक झड़प हो गई। इस दौरान मामला शांत करने के लिए पुलिस को बीच में आना पड़ा और पुलिस ने किसी तरह भीड़ को तितर-बितर कर दिया।
दरअसल, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिव सेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता एक-दूसरे से भिड़ गए और दिवंगत बाल ठाकरे के स्मारक पर एक-दूसरे के खिलाफ नारे लगाए, जिनकी 11वीं बरसी होने वाली है। शुक्रवार को मनाया गया।
शिवसेना कार्यकर्ताओं ने जोशीले नारों के साथ पार्टी पर अपना स्वामित्व जताया, जबकि उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन करने वालों ने "गद्दारों वापस जाओ" के नारे के साथ जवाब दिया। यह घटना तब सामने आई जब मुख्यमंत्री शिंदे बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि देने के लिए दादर के शिवाजी पार्क में स्मारक पर पहुंचे।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए, सीएम ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवंगत शिवसेना संस्थापक के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के सपने को साकार किया था। उन्होंने कहा कि मंदिर का उद्घाटन बाल ठाकरे की जयंती की पूर्व संध्या पर होना तय है। गौरतलब है कि बालासाहेब का जन्म 23 जनवरी, 1926 को हुआ था, अयोध्या में राम मंदिर का अभिषेक 22 जनवरी को होना है।
इसी दौरान दोनों गुटे के नेता और कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। मामले का संज्ञान लेते हुए सीएम शिंदे ने कहा, "कानून-व्यवस्था बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है। कानून-व्यवस्था की कोई समस्या न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए मैं एक दिन पहले श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं शांति भंग करने के प्रयास की निंदा करता हूं।"
उन्होंने कहा, "मेरे जाने के बाद, (शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल देसाई और अनिल परब समर्थकों के साथ आए और मेरे खिलाफ नारे लगाए। शांति को बाधित करने का अनावश्यक प्रयास किया गया।"