महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में साथ लड़ने को तैयार बीजेपी और शिवसेना गठबंधन मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर आमने-सामने आ खड़ी हुई हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा शुक्रवार को ही प्रस्तावित मेट्रो रेल कार शेड के निर्माण के लिए आरे में पेड़ों को काटने के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था और आरे को जंगल मानने से इनकार कर दिया था, जिसके के बाद रात में ही पेड़ों की कटाई शुरू हो गई।
आरे में पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर बीजेपी-शिवसेना आमने-सामने
शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मेट्रो शेड के निर्माण के समर्थन के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की कड़ी आलोचना करते हुए शनिवार सुबह ट्विटर पर एक कार्टून पोस्ट किया, जिसमें बीजेपी नेता को न्याय की देवी की आंखों में पट्टी बांधते दिखाया गया है और उस पर स्लोगन लिखा है, 'आरे जंगल नहीं है।'
आदित्य ठाकरे ने भी की पेड़ों की कटाई की आलोचना
इससे पहले शिवसेना युवा शाखा के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने भी ट्विटर पर पेड़ों की कटाई की आलोचना की थी। आदित्य ने लिखा, 'जिस मेट्रो का काम गर्व से किया जाना चाहिए था, उसे रात के अंधेर और पुलिस की पहरेदारी में शर्मनाक और धूर्त तरीके से किया जा रहा है। मेट्रो से मुंबई को स्वच्छ हवा मिलनी है लेकिन यहां तेंदुओं जैसे जंगली जानवरों से युक्त जंगल काटे जा रहे हैं।'
फड़नवीस ने कहा, 'विकास भी जरूरी'
इससे पहले मुख्यमंत्री फड़नवीस ने कहा था कि सरकार के लिए पेड़ों का काटा जाना जरूरी है क्योंकि 'विकास महत्वपूर्ण है।'
उन्होंने कहा, 'हम आरे में एक भी पेड़ नहीं काटना चाहते हैं, लेकिन विकास भी जरूरी है। हम काटे गए पेड़ों की जगह और ज्यादा पेड़ लगाएं, मैं आदित्य ठाकरे से खुद बात करूंगा।'
बीजेपी और शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन हैं और दोनों की नजरें सत्ता में वापसी पर है। लेकिन आरे में पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर शिवसेना नेताओं द्वारा बीजेपी पर किए जा रहे हमले ने दोनों पार्टियों को आमने-सामने ला खड़ा किया है, जो चुनावों से पहले इन दोनों के लिए ही शुभ संकेत कतई नहीं है।