नागपुरः महाराष्ट्र एक बार फिर लोडशेडिंग की गिरफ्त में है. प्रदेश में हुई अपर्याप्त वर्षा से बढ़ी बिजली की मांग को पूरा करने मेंं महावितरण असफल साबित हो रहा है. ऐसे में 50 फीसदी से अधिक वाले फीडरों पर आधे से एक घंटे की बिजली कटौती आरंभ हो चुकी है.
महावितरण का कहना है कि पिछले अगस्त में प्रदेश में पर्याप्त वर्षा नहीं हुई. इस वर्ष से बिजली की मांग में काफी इजाफा हुआ. उधर, मानसून को देखते हुए महाजेनको के ताप बिजली केंद्रों की कई इकाइयों को रखरखाव के लिए बंद रखा गया था. ऐसे में मांग और आपूर्ति का फासला दो से तीन हजार मेगावॉट तक बढ़ गया.
महावितरण ने इस समस्या से निपटाने के लिए जी समूह के फीडरों पर आकस्मिक लोडशेडिंग आरंभ कर दी. नागपुर जिले के कई इलाकों में बुधवार को कटौती की गई. बहरहाल आज इन इलाकों को राहत मिली. लेकिन अमरावती संभाग के कई इलाकों में आज भी बिजली कटौती हुई.
महावितरण सूत्रों का कहना है कि फिलहाल बिजली की अधिकतम मांग 26 हजार मेगावॉट से अधिक हो गई है. आमतौर पर अगस्त में वर्षा की वजह से कृषि मांग काफी कम हो जाती है. मांग 22 से 23 हजार मेगावॉट के करीब होती है.
लेकिन इस बार वर्षा नहीं होने की वजह से किसानों को सिंचाई के लिए कृषि पंपों का उपयोग करना पड़ रहा है. एसी-कूलर चलने की वजह से घरेलू मांग भी कम नहीं हुई है. ऐसे में मांग एवं आपूर्ति का फासला काफी बढ़ गया है.
अस्थायी है लोडशेडिंगः महावितरण के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी भारत पवार ने कहा कि वर्षा नहीं होने से यह संकट खड़ा हुआ है. लेकिन यह स्थायी नहीं है. शुक्रवार को बंद बिजली इकाइयां आरंभ हो जाएंगी और लोडशेडिंग पर रोक लगेगी.
यूनिटें बंदः महाजेनको के ताप बिजली केंद्रों की कई यूनिट बंद है. इनमें चंद्रपुर की दो एवं नासिक एवं पारस की एक-एक यूनिट शामिल हैं. उधर, गैस की कमी से उरण गैस परियोजना ठप है. इसी प्रकार पानी की कमी से पनबिजली परियोजनाएं केवल 1489 मेगावॉट का योगदान दे पा रही हैं. रात में सोलर परियोजनाओं से उत्पादन नहीं होने की वजह से लोडशेडिंग की समस्या रात में ही विकराल हो रही है.