लखनऊ: लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद सूबे की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यूपी के विकास पर अपना ध्यान जमा दिया है। इसके तहत ही सीएम योगी ने सोमवार को यूपी में बड़े और छोटे होटल खोलने के इच्छुक कारोबारियों के लिए सूबे के दरवाजे पूरी तरह से खोलने का फैसला किया है। जिसके चलते अब यूपी में छोटे बजट के होटल से लेकर फाइव स्टार होटल खोलना आसान हो जाएगा। सूबे के अधिकारी राज्य में होटल खोलने से संबंधित प्रस्ताव पर आनन-फानन में स्वीकृति तो देंगे ही।
आवासीय क्षेत्र में भी छह से 20 कमरों तक के होटल निर्माण के लिए न्यूनतम भूमि और होटल तक पहुंच मार्ग की चौड़ाई की न्यूनतम सीमा में भी बदलाव करने की अनुमति प्रदान करेंगे। होटल भवन निर्माण के बाइलाज में बदलाव प्रस्तावित किए जाने पर सीएम योगी की रजामंदी के चलते ही यह सब होगा। पर्यटन विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि राज्य में होटल खोलने के लिए सरकार के प्रयासों से राज्य के हर जिले में छोटे बजट के शानदार होटल खोलने के लिए लोग आएंगे।
अब 20 से कम कमरे तो न्यूनतम जमीन की बाध्यता नहीं : सीएम सचिवालय के अधिकारियों के अनुसार, सोमवार को सीएम योगी ही अध्यक्षता में आवास एवं शहरी नियोजन, नगर विकास, पर्यटन आदि विभिन्न विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में पर्यटक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई अहम फैसले लिए गए। इस बैठक में होटल इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए होटल भवन निर्माण के बाइलॉज में परिवर्तन करने पर चर्चा की गई।
होटल कारोबारियों ने होटल भवन निर्माण के बाइलॉज में परिवर्तन करने का सुझाव दिया था। जिस पर सीएम योगी ने अपनी रजामंदी जता दी। जिसके चलते होटल भवन निर्माण के बाइलाज में अब जो बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं, उसमें छोटे होटलों के लिए न्यूनतम जमीन की बाध्यता खत्म करने की सिफारिश की गई है। वर्तमान में अभी जो व्यवस्था है उसके हिसाब से होटल खोलने के लिए 1000 वर्ग मीटर जमीन जरूरी है।
इसके अलावा निर्मित या विकसित क्षेत्र में होटल तक पहुंच मार्ग की चौड़ाई 12 मीटर और अविकसित या नए क्षेत्र में जिस मार्ग पर होटल बना रहा है तो उसकी न्यूनतम चौड़ाई 18 मीटर होना जरूरी है। इन नियमों में संशोधित करने की मांग सूबे में होटल खोलने के इच्छुक कारोबारियों ने कई बार सरकार से की थी।
बताया जाता है कि सोमवार को सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में 6 से 20 कमरों के होटल के लिए जमीन की न्यूनतम बाध्यता खत्म करने के प्रस्ताव पर सहमति जता दी गई। इसके चलते अब अगर होटल में कमरे की संख्या 20 से अधिक है तो कम से कम 500 वर्ग मीटर का भूखंड होना अनिवार्य होगा।
इसके अलावा आवासीय क्षेत्र में 20 कमरों के होटल के लिए पहुंच मार्ग की न्यूनतम चौड़ाई 9 मीटर होनी जरूरी होगी। 20 कमरे से अधिक का होटल है तो मार्ग की न्यूनतम चौड़ाई 12 मीटर रखने का प्रस्ताव किया गया है। गैर आवासीय क्षेत्रों में सभी प्रकार के होटलों के लिए रास्ते की न्यूनतम चौड़ाई 12 मीटर होनी जरूरी होगी। सूबे में छोटे बजट के होटल खोलने के दौरान पार्किंग, सिक्योरिटी और फ़ायर सेफ्टी जैसे मानकों का सख्ती से अनुपालन कराया जाएगा, यह भी तय किया गया है।
अयोध्या में खुलेंगे कई पांच सितारा होटल :
पर्यटन विभाग के अनुसार, प्रदेश के सरकार के टूरिज्म पोटेंशियल को प्रोत्साहित करने के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज यूपी पर्यटकों की पहली पसंद बनकर उभरा है। देश से सबसे ज्यादा पर्यटक यहां आ रहे हैं। इन सकारात्मक परिस्थितियों ने होटल इंडस्ट्री के लिए अपार संभावनाओं को जन्म दिया है। अयोध्या, वाराणसी, नोएडा, उन्नाव, बस्ती, सुल्तानपुर आदि शहरों में बड़े होटल खोलने के लिए लोग आगे आए हैं।
अयोध्या में होटल इंडस्ट्री से जुड़े बड़े ब्रांड्स ने जमीन खरीदी है। लीला ग्रुप अयोध्या में करीब 5 एकड़ भूमि पर एक 100 कमरों का फाइव स्टार होटल बना रहा है। यह होटल भी पूरी तरह शाकाहारी होगा। इसके अलावा सात फाइव स्टार होटल अयोध्या में बनाने की कार्रवाई की जा रही है। ताज ग्रुप की कंपनी इंडियन होटल भी दो प्रॉपर्टी का डेवलप कर रही है।