लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा है कि उत्तर प्रदेश में 15 लाख प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार कार्ययोजना बना रही है। ये वह मजदूर हैं जो दूसरे प्रदेशों में काम करते थे और लॉकडाउन के कारण लौट आए हैं या लौटने वाले हैं। सीएम योगी ने यह भी कहा है कि लॉकडाउन के बाद राज्य में अकाल जैसी स्थिति बिल्कुल नहीं होगी। सीएम योगी ने कहा है, प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण काम है। हमने पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह को निर्देशित किया है कि ग्राम प्रधानों के माध्यम से मनरेगा और गांवों के विकास कार्यों को आगे बढ़ाएं। उत्तर प्रदेश में देश के बाकियों राज्यों की तुलना में कोरोना वायरस के कम केस हैं। देशभर में लगे लॉकडाउन की वजह से कई प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य वापस लौट आए हैं।
राज्य में लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के कारण बेरोजगारी बढ़ सकती है, क्या राज्य के पास उनके लिए कोई योजना है? इस सवाल के जवाब में योगी आदित्यानाथ ने कहा, ''2017 से पहले यूपी बेरोजगारी की चपेट में था। हमने राज्य में सरकार बनाने के बाद प्रयास किए, तो बहुत सारी रोजगार सृजन हुआ। जिस मजदूर की बात हो रही है, इससे बेरोजगारी नहीं बढ़ेगी, यहां भी रोजगार मिलेगा। संभावनाओं में कोई कमी नहीं है। चुनौतियां हैं लेकिन हमारे पास कई अवसर भी हैं। लॉकडाउन के दौरान, सरकार ने डोरस्टेप डिलीवरी के माध्यम से 1.5 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान किया है। हम 15 लाख लोगों को तत्काल रोजगार देने की स्थिति में हैं। सरकारी निर्माण कार्य, मनरेगा, एमएसएमई उद्यमों और स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से किए गए कार्यों में भी बहुत अवसर है। लॉकडाउन के बाद की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। मैं आपके माध्यम से सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि भविष्य में, यूपी में किसी भी मजदूर को रोजगार की समस्या नहीं होगी।''
इंडियन एक्प्रेस को दिए इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ से जब पूछा गया, ''उत्तर प्रदेश, सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के बावजूद, अब तक एक हद तक वायरस के प्रसार को रोकने में सक्षम है। आपने इसे कैसे मैनेज किया?, इस सवाल के जवाब में सीएम योगी ने कहा, मैं इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूं, जिन्होंने पहले ही देश को इस खतरे के प्रति आगाह कर दिया था। साथ ही, भारत में समय-समय पर एक व्यापक कार्य योजना लागू की गई थी। आज न केवल भारत की 130 करोड़ की आबादी बल्कि पूरी दुनिया मोदी जी के उत्कृष्ट नेतृत्व की सराहना कर रही है। यूपी ने पीएमो द्वारा पत्र और पीएम के मार्गदर्शन का पालन किया है। सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के नाते, यहां भी खतरा सबसे ज्यादा था। लेकिन समयबद्ध कार्य योजना और इसके प्रभावी कार्यान्वयन से कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने में काफी सफलता मिली। मेरे कैबिनेट सहयोगियों ने मेरे साथ मिलकर एक कार्य योजना तैयार की। मेरे पास इसको रोकने के लिए एक अच्छी टीम है...जो मेरे साथ हर वक्त काम करने को तैयार है।
जानें उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की क्या स्थिति है?
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के 1,955 केस हैं और -31 मरीजों की मौत हुई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में 30 जून तक कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने की इजाजत नहीं देने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 अप्रैल को कोविड-19 से निपटने के लिए गठित 'टीम-11' की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि आगामी 30 जून तक राज्य में कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति न दी जाए। उन्होंने कहा,‘‘ पूरे राज्य में लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया जाए। किसी भी हाल में कहीं भीड़ इकट्ठा न हो। पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए और सोशल डिस्टेंसिंग को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।’’