केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार (1 फरवरी) को लोकसभा में वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहां इस बजट को लोक कल्याणकारी बताया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे 'विनाशकारी' बजट करार दिया। योगी ने केंद्रीय बजट का स्वागत करते हुए कहा कि किसानों, महिलाओं, युवाओं और समाज के सभी वर्गो के सशक्तीकरण का ऐतिहासिक बजट है।
सीएम योगी ने कहा कि उन्हें पूरी तरह विश्वास है कि इस बजट से देश के चहुंमुखी विकास को और गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि सन 2022 तक हर गरीब को आवास देने का प्रावधान है। इस बजट में 24 मेडिकल कालेजों में 8 यूपी को मिले हैं। इसके लिए पीएम बधाई के पात्र हैं। बजट में गरीबों को विद्युत कनेक्शन देने, उज्जवला योजना में आठ करोड़ कनेक्शन की जो व्यवस्था की गई है, उसका हम स्वागत करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने वाला, देश के बुनयादी ढांचे को नया विजन देने वाला व गांव-गरीबों को आगे बढ़ाने वाला है।
दूसरी ओर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्रीय बजट जनता की परेशानियों की अनदेखी करने वाली अहंकारी सरकार का विनाशकारी बजट है। अखिलेश ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी ने इस बजट से साबित कर दिया कि वह सिर्फ अमीरों की हिमायती है। उन्होंने कहा कि इस बजट से गरीब, किसान, मजदूर को निराशा हुई है, वहीं बेरोजगार युवावर्ग हताश हुआ है। इस बजट ने छोटे कारोबारियों, महिलाओं, नौकरीपेशा और आम लोगों के मुंह पर तमाचा मारा है।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को संसद में वर्ष 2018-19 के लिए आम बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधरा आ रहा है। यह दुनिया में 7वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई घोषणा की है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि केंद्र सराकर का आम बजट धन्नासेठों को ध्यान में रखकर बनाया गया है और केवल हवा-हवाई दावे किए गए हैं। मायावती ने गुरुवार को एक बयान जारी कर आम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए आगे कहा, "नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए कि अच्छे दिन का वादा जो उन्होंने किया था, वह कहां है। उन्हें वादाखिलाफी के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।"मायावती ने कहा कि एक जिम्मेदार सरकार की तरह भाजपा सरकार को अपने काम का लेखा-जोखा भी जनता को बताना चाहिए, जो अब तक नहीं किया गया है।उन्होंने कहा कि यह बजट भारत के हितों की रक्षा नहीं करता। युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मुहैया कराने की जरूरत है, न कि पकौड़ा बेचकर रोजगार अर्जित करने के सरकारी सुझाव की। करोड़ों शिक्षित बेरोजगार बेहद मजबूरी में पहले से ही पकौड़ा और चाय बेच रहे हैं। उनके कौशल के हिसाब से यह बिल्कुल सही नहीं है।मायावती ने कहा कि असल में मोदी सरकार की अब तक जो प्राथमिकताएं थीं, उनमें गरीब, मजदूर, किसानों के हितों को साधने वाली कतई नहीं रही हैं। यही कारण है कि विकास के जो दावे सरकार कर रही है, उसका थोड़ा भी लाभ इन वर्गो को नहीं मिल पाया है।