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Yes bank news: ग्राहकों को खुशखबरी, 50 हजार से अधिक की निकासी पर BAN खत्म, बैंकिंग सेवा शुरू

By सतीश कुमार सिंह | Updated: March 18, 2020 20:55 IST

यस बैंक के नामित मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को कहा था कि बैंक का पूरा कामकाज बुधवार की शाम से सामान्य हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बैंक में नकदी को लेकर वास्तव में कोई चिंता की बात नहीं है।

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ठळक मुद्देबैंक के केवल एक तिहाई ग्राहकों ने ही अपने खातों से 50,000-50,000 रुपये की निकासी की थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और कुछ अन्य निजी बैंकों ने पुनर्गठन योजना के तहत बैंक में निवेश किया है।

नई दिल्ली/मुंबईः संकट में फंसे यस बैंक पर लगी रोक बुधवार शाम को समाप्त हो गई। यस बैंक ने ग्राहकों को खुशखबरी दी है। बैंक ने कहा सि हमारी बैंकिंग सेवाएं अब शुरू हो गई हैं। ग्राहक अब हमारी सभी सेवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।

यस बैंक के ग्राहकों की 13 दिन से जारी मुश्किलें समाप्त हो गयी हैं। पुनर्गठन की प्रक्रिया से गुजर रहे निजी क्षेत्र के इस बैंक ने बुधवार को कहा कि उस पर विनियामक आरबीआई की तरफ से लगी पाबंदियां हटा दी गयी हैं और सभी सेवाएं ग्राहकों के लिये फिर शुरू कर दी गयी हैं। बैंक बृहस्पतिवार से तीन दिन के लिये बैंक में कार्य का समय भी बढ़ाएगा।

हालांकि 13 दिन की रोक हटने के तुरंत बाद कुछ ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की कि इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग समेत कुछ सेवाएं काम नहीं कर रही। यस बैंक ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘हमारी बैंक सेवाएं फिर से परिचालन में आ गयी हैं। आप हमारी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। सहयोग और धैर्य के लिये धन्यवाद।’’

कुछ तबकों में यह भी चिंता है कि यस बैंक से बड़ी मात्रा में जमा राशि कर निकासी हो सकती है। बैंक ने लिखा है, ‘‘आपको बेहतर सेवा देने के लिये हमारी शाखाएं 19 मार्च 21 मार्च 2020 तक सुबह 8.30 बजे खुलेंगी। हमने अपने वरिष्ठ ग्राहकों के लिये बैंक में कामकाज का समय बढ़ा दिया है। उनके लिये 19 मार्च से 27 मार्च तक बैंक सेवाएं शाम 4.30 से 5.30 तक उपलब्ध होंगी।’’ उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने पांच मार्च को बैंक पर पाबंदी लगा दी थी। इसमें ग्राहकों को तीन अप्रैल तक अपने खाते से 50,000 रुपये तक निकालने की सीमा शामिल थी।

साथ ही आरबीआई ने बैंक के निदेशक मंडल को हटा दिया था। यस बैंक पुनर्गठन के तहत भारतीय स्टेट बैंक और सात वित्तीय संस्थानों ने करीब 10,000 करोड़ रुपये लगाया है। इसमें निजी क्षेत्र के संस्थान भी शामिल हैं। बैंक का जमा आधार पांच मार्च 2020 को 72,000 करोड़ रुपये घटकर 1.37 लाख करोड़ रुपये रह गया था। यह 31 दिसंबर 2019 को 2.09 लाख करोड़ रुपये था।

यस बैंक के नामित मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को कहा था कि निजी क्षेत्र के बैंक ने ग्राहकों के लये कोष की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये पर्याप्त कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘हमारे सभी एटीएम नकदी से भरे हैं। हमारी सभी शाखाओं में नकदी की पर्याप्त आपूर्ति है। इसीलिए यस बैंक की तरफ से नकदी के मोर्चे पर कोई समस्या नहीं है।’’ रोक हटने के बाद कुमार अब यस बैंक के सीईओ हैं। हालांकि रोक हटने के बाद कुछ ग्राहकों ने सेवाएं सही तरीके से शुरू नहीं होने को लेकर शिकायत की। कुछ ट्वीट का जवाब देते हुए बैंक ने इस असुविधा के लिये माफी मांगी और कहा कि बीच-बीच में उठने वाली कुछ समस्याएं हैं।

यस बैंक के शेयरों में लगातार चौथे दिन जोरदार तेजी, भाव 50 प्रतिशत बढ़े

यस बैंक के शेयरों में बुधवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र के दौरान तेजी रही। एसबीआई ने कहा कि वह बैंक में 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी हासिल करने का इच्छुक है, जिसके बाद उसके शेयरों में 50 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला। शुरुआती कारोबार के दौरान यस बैंक के शेयर 49.95 प्रतिशत बढ़कर 87.95 रुपये पर पहुंच गए।

एनएसई में यस बैंक के शेयर 48.84 प्रतिशत बढ़कर 87.30 रुपये के भाव पर थे। इस तरह चार दिनों में शेयर 251 प्रतिशत बढ़ गया है। इससे पहले मूडीज ने मंगलवार को यस बैंक की रेटिंग को अपग्रेड किया था, जिसके बाद उसके शेयरों में 59 फीसदी की छलांग देखने को मिली। बैंक की पुनर्गठन योजना की घोषणा के बाद से उसके शेयरों में लगातार तेजी है। भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि यस बैंक में एसबीआई की हिस्सेदारी करीब 43 प्रतिशत है और अब तीन साल की लॉक-इन अवधि से पहले उनका बैंक यस बैंक के एक भी शेयर नहीं बेचेगा।

उन्होंने कहा कि वह बोर्ड से यस बैंक में हिस्सेदारी बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के लिए बात करेंगे। एसबीआई को शुरुआत में यस बैंक की इक्विटी पूंजी में 7,250 करोड़ रुपये निवेश करके 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी लेनी थी, लेकिन जैसे ही सात अन्य ऋणदाता आए, एसबीआई केवल 43 प्रतिशत या 60.50 करोड़ शेयर ही खरीद सका।

इस तरह उसने 6,050 करोड़ रुपये का निवेश किया। रजनीश कुमार ने कहा, “चूंकि निवेशकों की प्रतिक्रिया बेहत उत्साहजनक थी, इसलिए पूंजी जुटाने के पहले दौर में हमने केवल इतना हिस्सा ही लिया।” उन्होंने कहा, “वास्तव में, मैं अपने बोर्ड से हिस्सेदारी लेने के अधिकतम स्वीकार्य स्तर 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बढ़ाने की अनुमति लेने के लिए उत्सुक हैं और यह मेरी प्रतिबद्धता है कि एसबीआई तीन साल के लॉक-इन से पहले एक भी शेयर नहीं बेचेगा।” 

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