नई दिल्ली: देश में मानसून के आगमन के साथ ही उत्तर भारत में तेज बारिश के बाद तबाही मच गई है। राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ के खतरे की आशंका तेज हो गई है।
बताया जा रहा है कि दिल्ली में यमुना आज 208.46 मीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, जिससे निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं और निकासी के उपाय करने पड़े हैं। केंद्रीय जल आयोग ने इसे "चरम स्थिति" कहा है क्योंकि आज सुबह लगभग 8-10 बजे यमुना में पानी का प्रवाह चरम पर होने की उम्मीद है।
गुरुवार सुबह यमुना के बढ़े जलस्तर के कारण कई इलाकों में कमर तक पानी भर गया। फिलहाल जलस्तर खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर है। आज सुबह 7 बजे यमुना में जल स्तर 208.46 मीटर था क्योंकि हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज द्वारा नदी में पानी छोड़ना जारी है।
मोनेस्ट्री मार्केट, यमुना बाजार, गढ़ी मांडू, गीता घाट, विश्वकर्मा कॉलोनी, खड्डा कॉलोनी, पुराने रेलवे ब्रिज के पास नीली छत्री मंदिर के आसपास के इलाके, नीम करोली गौशाला और वजीराबाद से मजनू का टीला तक रिंग रोड का एक हिस्सा अब बाढ़ में डूब गया है।
यमुना नदी के पास स्थित गीता कॉलोनी श्मशान घाट को भी बाढ़ के कारण बंद कर दिया गया है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने नागरिकों से कड़कड़डूमा और गाजीपुर श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार सुविधाओं का उपयोग करने का आग्रह किया है।
कई इलाकों में स्कूल बंद
जानकारी के अनुसार, दिल्ली में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आज दिल्ली नगर निगम के सिविल लाइन्स जोन के निचले इलाकों में 10 और शहादरा क्षेत्र में सात स्कूल आज बंद रहेंगे। ऐसे में इन स्कूलों के बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जाएंगी।
यमुना के जलस्तर ने तोड़ा 45 लास पुराना रिकॉर्ड
गौरतलब है कि 45 साल पहले जिस तरह यमुना का जलस्तर बढ़ा था उसी तरह से एक बार फिर यमुना का स्तर बढ़ चुका है। दिल्ली में यमुना कल 208.08 मीटर तक बढ़ गई, जिसने 45 साल पहले बनाए गए 207.49 मीटर के पिछले सर्वकालिक रिकॉर्ड को बड़े अंतर से तोड़ दिया। रात 11 बजे तक जलस्तर बढ़कर 208.08 मीटर हो गया।
यमुना पर दो प्रमुख बैराज हैं जिसमें उत्तराखंड में डाकपत्थर और दिल्ली के ऊपर हरियाणा में हथिनीकुंड शामिल है। नदी पर कोई बांध नहीं हैं इसलिए मानसून के समय सीधा पानी छोड़ा जाता है जिससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है।