नई दिल्ली: भारतीय महिला पहलवानों के कुश्ती महासंघ प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के घर जाने को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस मुद्दे को उठाते हुए शनिवार को पहलवान संगीता फोगाट और दिल्ली पुलिस की कड़ी आलोचना की है।
दरअसल, खबर सामने आई है कि संगीता फोगाट और दिल्ली पुलिस द्वारा यौन उत्पीड़न की घटनाओं से पीड़ित महिला पहलवानों को बृजभूषण शरण सिंह के घर ले जाया गया ताकि मामले की जांच की जा सके।
टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले ने दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल से घटना का तत्काल संज्ञान लेने और इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू करने का आग्रह किया।
टीएमसी नेता ने कहा कि अपराध के दृश्य को फिर से बनाने के लिए एक यौन हमले के उत्तरजीवी को आरोपी के घर ले जाना "अथाह और चौंकाने वाला" है। टीएमसी नेता ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट रूप से शिकायतकर्ता के मन में डर पैदा करने और डराने की कोशिश की।
टीएमसी नेता ने कहा कि यह हत्या का मामला नहीं है जहां इस तरह की प्रक्रिया को करने की आवश्यकता है। इसके अलावा इस कथित अपराध दृश्य के मनोरंजन के माध्यम से दिल्ली पुलिस ने फोगाट को उसके यौन आघात से राहत दिलाई है हमला जो एक शिकायतकर्ता/उत्तरजीवी के रूप में उसके मूल अधिकारों का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि इस तरह पीड़ित पहलवानों में डर पैदा करने की कोशिश हो रही है और आरोपी के निवास पर पीड़िता को ले जाया गया जिसे अभी तक गिरफ्तार भी नहीं किया गया है।
बृजभूषण सिंह ने खबरों को किया खंडन
इस बीच, पहलवानों के भाजपा सांसद और कुश्ती महासंघ प्रमुख के घर जाने की खबरों पर खुद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मुझे इसके बारे में नहीं पता।
उन्होंने शुक्रवार को घर से निकलते वक्त जब मीडिया से बात की तो उन्होंने कहा कि मैं अपने कमरे में सो रहा था कोई भी मेरे घर में नहीं आया और न मेरे पास कोई आया।
बता दें कि संगीता फोगट को कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के आरोप से संबंधित घटनाओं के अनुक्रम को फिर से बनाने के लिए शुक्रवार दोपहर नई दिल्ली में कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के आधिकारिक आवास पर ले जाया गया। फोगाट के साथ महिला कांस्टेबल भी थीं।
दोपहर 1.30 बजे महिला अधिकारी संगीता फोगाट को दिल्ली में बृजभूषण के आधिकारिक आवास पर ले गईं। वे वहां आधे घंटे तक रहीं। उन्होंने उनसे दृश्य को फिर से बनाने और उन जगहों को याद करने के लिए कहा, जहां उन्हें उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था।