INDIA vs BHARAT: देश के नाम और पहचान को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है। ये सारी बहस तब शुरू हुई जब राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज के निमंत्रण पत्र पर पारंपरिक 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' के बजाय 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' अंकित होने की तस्वीर वायरल हुई। अब कहा जा रहा है कि संसद के विशेष सत्र में केंद्र सरकार देश का नाम 'भारत' करने का प्रस्ताव ला सकती है।
इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर सरकार ये विपक्षी गठबंधन के नाम के कारण कर रही है तो हम इसका नाम बदल देंगे। उमर अब्दुल्ला ने कहा, "हमारे संविधान में दोनों नाम दर्ज़ हैं... हम कहां-कहां से 'इंडिया' शब्द हटाएंगे? SBI, IIT, ISRO इन सबके नाम बदलने होंगे। अगर आपको इस बात से दिक्कत है कि विपक्ष की पार्टियों ने अपना नाम INDIA रखा है और आप इसलिए देश का नाम बदल रहे हैं, तो हम अपना (पार्टी) का नाम बदल लेंगे। हम मुल्क को मुसीबत, तकलीफ में नहीं डालना चाहते। अगर हमें थोड़ा सा भी इशारा भी मिलता है तो हम यह करेंगे।"
देश के नाम को लेकर जारी बहस में बयान देने में किसी भी दल का नेता पीछे नहीं है। कांग्रेस द्वारा इस पर विरोध जताए जाने पर सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि विपक्ष को खुद नहीं पता कि 1949 में कांग्रेस पार्टी भारत नाम रखने का प्रस्ताव सदन में लाई थी। आज कांग्रेस जो कह रही है कि उनके गठबंधन का नाम रखने के बाद भाजपा ऐसा कर रही है वह उनकी गलतफहमी है। राजभर ने कहा कि कांग्रेस को खुद नहीं पता कि कब-कब सदन में इस नाम को रखने पर चर्चा हुई है।
वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भीलवाड़ा, "राजस्थान में एक सभा को संबोधिक करते हुए कहा, हमने समान विचार वाले लोगों को एक साथ लाकर एक संगठन बनाया जिसका नाम INDIA रखा गया। वह INDIA को देखकर घबरा रहे हैं और वे अब इंडिया का नाम भारत रखने जा रहे हैं। संविधान में 'इंडिया दैट इज भारत' है। हम पहले ही 'भारत जोड़ो' बोल रहे हैं लेकिन आप रोज़ कुछ नया ला रहे हैं।"