चंडीगढ़:कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने गुरुवार को हरियाणा सरकार पर नूंह हिंसा की न्यायिक जांच से भागने का आरोप लगाया और 31 जुलाई की घटना पर उसकी मंशा पर सवाल उठाया है।
पूर्व सीएम हुड्डा ने चंडीगढ़ में पत्रकारों से बात करते हुए नूंह में वीएचपी यात्रा पर हुए हमले के एक सवाल पर कहा कि हरियाणा की भाजपा-जेजेपी सरकार सही समय पर उचित कदम उठाने में विफल रही। इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि घटना के बाद अब सरकार पूरे मामले की न्यायिक जांच से क्यों भाग रही है।
हुड्डा ने कहा कि राज्य विधानसभा के आगामी 25 अगस्त से शुरू हो रहे मानसून सत्र में कांग्रेस पार्टी कानून-व्यवस्था और बाढ़ के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाएगी। हुड्डा ने एक सवाल का जवाब में कहा कि नूंह के विधायक आफताब अहमद ने भी जिला प्रशासन को संभावित स्थिति के बारे में सचेत किया था क्योंकि सोशल मीडिया पर पहले से भड़काने वाली बातें चल रही थीं।
उन्होंने कहा, "विधायक आफताब अहमद ने नूंह के डीसी और एसपी को सूचित किया था। उन्होंने कहा था कि सोशल मीडिया पर भड़काने वाली बातें चल रही हैं और उस संबंध में कदम उठाए जाने चाहिए। वीएचपी यात्रा से दस दिन पहले से उकसावे वाली बातें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं।"
पूर्व सीएम ने कहा, "किसने साजिश रची और घटना के पीछे कौन था। हम इसके लिए न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके।"
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के अलावा हरियाणा कांग्रेस के प्रमुख उदय भान ने कहा कि खट्टर सरकार को सीआईडी अधिकारियों ने पहले ही सूचित कर दिया था कि नूंह के इलाके में कई दिनों से तनाव व्याप्त है लेकिन बावजूद कोई एक्शन नहीं लिया गया।
उन्होंने कहा, "शरारती तत्वों द्वारा सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान दिए जा रहे थे, लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि शासन ने नूंह एसपी की छुट्टी मंजूर कर ली।"
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि इस समस्या को लेकर मनोहर लाल खट्टर सरकार के अंदर समन्वय की भारी कमी रही, जिसके कारण इतने बड़े पैमाने पर हिंसा हुई।
हुड्डा ने कहा, "यह बेहद आश्चर्य की बात है कि गृहमंत्री अनिल विज के पास सीआईडी विभाग नहीं है। सीआईडी के बिना हरियाणा का गृह मंत्रालय बिना आंख और कान वाला मंत्रालय बना हुआ है। राज्य के लोग इस घटना से बेहद पीड़ित हैं।“
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "लेकिन मैं कहूंगा कि जो भी व्यक्ति जिम्मेदार पद पर है, उसे सभ्य भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए लेकिन मुख्यमंत्री ने जिस तरह से प्रतिक्रिया व्यक्त की, उसे कतई शालीन नहीं कहा जा सकता है।"
उन्होंने कहा, "आने वाले विधानसभा सत्र में कांग्रेस नूंह हिंसा के अलावा बेरोजगारी, सीईटी परीक्षा का मुद्दा, दलितों पर बढ़ते अत्याचार, बाढ़ मुआवजे का मुद्दा, परिवार पहचान पत्र के साथ-साथ संपत्ति आईडी में लोगों को होने वाली समस्याएं और किसानों के मुद्दे उठाएगी।" (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)