नई दिल्ली: मणिपुर में जारी हिंसा और राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा की मांग को लेकर संसद में लगातार हंगामा जारी है। लगातार हंगामे और नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही को अब तक कई बार स्थगित किया जा चुका है। इसे लेकर पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी लगा रहे हैं। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का आरोप है सरकार मणिपुर मामले पर चर्चा से भाग रही है। वहीं सरकार का कहना है कि विपक्ष की रुचि चर्चा में नहीं बल्कि केवल हंगामे में है।
अब कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके साफ किया है कि आखिर सदन की कार्यवाही क्यों नहीं चल पा रही है और सरकार एवं विपक्ष के बीच गतिरोध की वजह क्या है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "मणिपुर में हिंसा जारी है और PM मोदी संसद में बोलने को तैयार नहीं हैं। सरकार नैरेटिव बना रही है कि वे चर्चा चाहती है, लेकिन विपक्ष तैयार नहीं है। जबकि विपक्ष नियम 267 के तहत चर्चा चाहता है और सरकार चतुराई दिखाते हुए नियम 176-77 में केवल 02:30 घंटे की चर्चा करना चाहती है।"
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा, "मणिपुर में जिस तरह की परिस्थितियां बनी हैं, उससे देश में गुस्से का माहौल है। पीएम मोदी ने मानसून सत्र शुरु होने से पहले कहा था कि मणिपुर की घटना से भारतीयों का सिर शर्म से झुक गया है। पीएम मोदी को सदन के समक्ष ये कहने में क्या संकोच है? पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी अपने कार्यकाल में 70 बार संसद के समक्ष बोले थे।"
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि हम प्रधानमंत्री से आग्रह करते हैं कि वह संसद में आएं और मणिपुर मुद्दे पर बोलें लेकिन वे अपनी पार्टी की बैठक में ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में बात कर रहे हैं। विपक्ष की ये मांग भी है कि पीएम इस पूरे मामले पर सदन में बयान दें।
हालांकि विपक्ष के दावों को भाजपा खारिज कर रही है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस मामले पर कहा, "विपक्ष की एक ही मांग है कि प्रधानमंत्री खुद आकर चर्चा की शुरूआत करें। मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि जब मणिपुर के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक बुलाई थी, उस समय पीएम का मुद्दा था ही नहीं। उसके बाद सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक हुई। उसमें भी उन्होंने (विपक्ष) तत्काल चर्चा की मांग की। इसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे थे और उन्होंने अनुरोध को तुरंत स्वीकार कर लिया।"
फिलहाल मणिपुर के मुद्दे को लेकर अन्य विपक्षी दलों के सांसद भी केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। सांसद संजय सिंह के निलंबन के बाद आम आदमी पार्टी भी लगातार केंद्र पर निशाना साध रही है। आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा, "भाजपा मणिपुर में हो रहे अत्याचारों, हैवानियत को छुपाना चाहती है। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए और केंद्र सरकार को अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए राज्य में अमन, शांति और भाईचारा बहाल करना चाहिए...जिस तरह सांसदों को निलंबित किया जा रहा है उसका हम विरोध करते हैं।"