वाराणसीः ‘पद्म विभूषण’ हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का बृहस्पतिवार सुबह निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। परिवार के सूत्रों ने बताया कि मिश्र ने सुबह चार बजे अंतिम श्वांस ली। वह पिछले काफी दिनों से बीमार थे और मिर्जापुर में अपनी सबसे छोटी बेटी के परिवार के साथ रहते थे। छन्नूलाल की बेटी नम्रता मिश्र ने बताया, ‘‘उम्र संबंधी समस्याओं के कारण वह पिछले 17-18 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। आज सुबह करीब साढ़े चार बजे घर पर उनका निधन हो गया।’’ उन्होंने बताया कि वैसे तो उनकी तबीयत पिछले छह-सात महीने से खराब थी।
फेफड़ों में संक्रमण के कारण सांस लेने में दिक्कत भी हो रही थी। इसके अलावा उनके शरीर में हीमोग्लोबिन की भी कमी थी। कुछ दिन पहले उन्हें दिल का दौरा भी पड़ा था जिसके बाद उन्हें बीएचयू (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) रेफर किया गया था। मिश्र का अंतिम संस्कार शाम पांच बजे वाराणसी में किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर गायक के निधन पर शोक जताया है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वे जीवनपर्यंत भारतीय कला और संस्कृति की समृद्धि के लिए समर्पित रहे। उन्होंने शास्त्रीय संगीत को जन-जन तक पहुंचाने के साथ ही भारतीय परंपरा को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करने में भी अपना अमूल्य योगदान दिया।
यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे सदैव उनका स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त होता रहा। साल 2014 में वे वाराणसी सीट से मेरे प्रस्तावक भी रहे थे। शोक की इस घड़ी में मैं उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। ओम शांति!’’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी महान शास्त्रीय कलाकार के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘भारतीय शास्त्रीय संगीत के मर्मज्ञ, ‘पद्म विभूषण’ प्रख्यात शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र जी का निधन अत्यंत दुःखद एवं शास्त्रीय संगीत विधा की अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आपने अपना पूरा जीवन भारतीय शास्त्रीय गीत-संगीत के उत्थान में समर्पित कर दिया।
आपका गायन कला साधकों के लिए एक प्रेरणा है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति व उनके शोकाकुल परिजनों, अनुयायियों एवं प्रशंसकों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!’’ संगीत सम्राट के नाम से विख्यात ‘पद्य विभूषण’ पंडित छन्नूलाल मिश्र के परिवार में तीन पुत्रियां और एक पुत्र है।
उनकी पत्नी का चार वर्ष पूर्व देहांत हो गया था। उनके पुत्र रामकुमार मिश्र भी जाने माने तबला वादक हैं। साल 1936 में आजमगढ़ में जन्मे मिश्र हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के दिग्गज थे। उन्होंने ख्याल, ठुमरी, दादरा, चैती, कजरी और भजन जैसी शैलियों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मिश्र ने अपने पिता बद्री प्रसाद मिश्र के साथ-साथ किराना घराने के उस्ताद अब्दुल गनी खान और ठाकुर जयदेव सिंह से संगीत की शिक्षा प्राप्त की थी। वे बनारस घराने और ठुमरी की पूरब अंग परंपरा के प्रतिपादकों में थे। उन्हें 2020 में पदम विभूषण और 2010 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र के निधन से भारतीय संगीत को अपूरणीय क्षति हुई है। राष्ट्रपति ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा ‘‘बनारस घराने के एक प्रकाशमान व्यक्तित्व पंडित मिश्र ने शास्त्रीय गायन को नए आयाम दिए। कई अन्य सम्मानों के साथ उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।’’ मुर्मू ने कहा, "प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र जी का निधन भारतीय संगीत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।" उन्होंने कहा, "मैं उनके प्रियजनों और प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं।"