नई दिल्लीः जुलाई में यमुना नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के बाद बिगड़े हालात की लोकसभा में जानकारी देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि स्थानीय प्रशासन की सहायता के लिए NDRF की 16 टीमें और सेना की 6 टुकड़ियां तैनात की गईं और हालात पर काबू पा लिया गया।
दरअसल लोकसभा में केंद्र सरकार से दिल्ली में आई बाढ़ और उसके द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर एक प्रश्न में ब्यौरा मांगा गया था। गृह मंत्रालय से पूछा गया था- 'क्या सरकार ने इस बात पर ध्यान दिया है कि दिल्ली के कुछ हिस्सों में गंभीर जल जमाव हो गया है और बाढ़ का पानी सुप्रीम कोर्ट परिसर तक पहुंच गया है, जिससे लोगों को कठिनाई हो रही है।'
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इसका जवाब देते हुए कहा कि जुलाई 2023 में मानसून के दौरान भारी बारिश और यमुना नदी के जलस्तर में अभूतपूर्व वृद्धि के कारण दिल्ली के कुछ हिस्सों में विशेषकर यमुना नदी के किनारे जलभराव हो गया। गृह मंत्रालय ने सभी संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की और वास्तविक समय के आधार पर स्थिति की निगरानी की। हरसंभव प्रयास से स्थिति पर काबू पा लिया गया।
गौरतलब है कि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने और बारिश की वजह से दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था। यमुना का जलस्तर 13 जुलाई को 208.66 मीटर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था और उसके बाद आसपास के निचले इलाके डूब गए थे। बाढ़ प्रभावित लोगों के स्कूलों में बनाई गई अस्थाई शिविर में रखना पड़ा था।
नित्यानंद राय ने आगे यह भी जानकारी दी कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कियॉस्क नीति में सुधार करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। NDMC में 233 कियोस्क हैं जिनमें से 25 कियोस्क निष्क्रिय हैं। भाजपा नेता ने कहा कि 25 गैर-कार्यात्मक कियोस्क में से 17 कियोस्क को बकाया भुगतान न करने और अन्य उल्लंघनों के कारण सील कर दिया गया है और शेष 08 कियोस्क रिक्त है। कियोस्क ई-नीलामी के माध्यम से आवंटित किए जाते हैं।