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What is e-RUPI: क्या है e-RUPI, कैसे काम करता है, इससे आपको क्या फायदे होंगे, जानिये सबकुछ

By उस्मान | Updated: August 3, 2021 09:09 IST

डिजिटल पेमेंट को मजबूत बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ने ई-रूपी (e-RUPI) की शुरुआत की है।

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ठळक मुद्देप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की ई-रूपी (e-RUPI) की शुरुआतभारत में डिजिटल पेमेंट को मजबूत बनाने का उद्देश्य लाभार्थियों को होंगे कई फायदे

भारत में डिजिटल पेमेंट को मजबूत बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ई-रूपी (e-RUPI) की शुरुआत की है। यह एक कैशलेस डिजिटल पेमेंट सिस्टम है, जो इलेक्ट्रॉनिक वाउचर पर आधारित है। इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई), वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा मिलकर विकसित किया गया है। चलिए जानते हैं कि ई-रूपी क्या है, यह कैसे काम करेगा और इससे आपको क्या फायदे होंगे।

ई-रूपी क्या है (What is e-RUPI)

यह एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है, जो एसएमएस स्ट्रिंग या क्यूआर आधारित कोड के रूप में कार्य करेगा। इसके जरिये आप अपने फोन से बिना किसी क्रेडिट/डेबिट कार्ड, मोबाइल बैंकिंग की इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एक प्री-लोडेड, प्रीपेड वाउचर की तरह काम करेगा, जिसे बिना डेबिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग और अन्य की आवश्यकता के बिना भुनाया जा सकता है।

ई-रूपी कैसे काम करता है (How does e-RUPI work)

इसे निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को जारी करने वाली संस्थाओं के रूप में जोड़ा जाएगा। एक बार ऐसा होने के बाद विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा लाभार्थियों, भुगतान उद्देश्य और अन्य जानकारी के साथ इन संस्थाओं से संपर्क किया जाएगा। एक बार लाभार्थी की उनके मोबाइल नंबर का उपयोग करके पहचान हो जाने के बाद, एक वाउचर विशेष रूप से तैयार किया जाएगा और उक्त व्यक्ति को दिया जाएगा।

लाभार्थी की पहचान मोबाइल नंबर के जरिए होगी और सर्विस प्रोवाइडर को बैंक एक वाउचर आवंटित करेगा जो किसी खास शख्स के नाम पर होगा जो सिर्फ उसी शख्स को डिलीवर होगा।

उदाहरण के लिए: आपने एक उत्पाद खरीदा और खरीदारी पर वाउचर प्राप्त किया। ई-रूपी के साथ आपको वाउचर को भौतिक रूप में ले जाने की आवश्यकता नहीं है। वाउचर आपके मोबाइल फोन पर क्यूआर कोड या एसएमएस के रूप में भेजा जा सकता है।

ई-रूपी के क्या फायदे हैं (Benefits of e-RUPI)

इसके विकास में विभिन्न मंत्रालयों भागीदारी है। इस नए सिस्टम इस्तेमाल बाल कल्याण, उर्वरक सब्सिडी, दवाओं और निदान, तपेदिक उन्मूलन को कवर करने वाली योजनाओं के लिए किया जा सकता है। यहां तक कि निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी लाभ और कॉर्पोरेट-सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के लिए इस प्रणाली का लाभ उठा सकता है।

पीएम मोदी ने कहा कि केवल सरकार नहीं, बल्कि अगर कोई गैर-सरकारी संस्था किसी को उसकी शिक्षा या मेडिकल इलाज में मदद करना चाहती है, तो वे कैश देने की जगह ई-रूपी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि दान दी गई राशि को केवल बताए गए काम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

- सरकार के मुताबिक ई-रूपी के जरिए कल्याणकारी योजनाओं को बिना किसी लीकेज के डिलीवर किया जा सकेगा।

- इसका इस्तेमाल मदर एंड चाइल्ड वेलफेयर स्कीम्स, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत दवाइयां और खाद - सब्सिडी इत्यादि योजनाओं के तहत सर्विस उपलब्ध कराने के लिए भी किया जा सकेगा।

- सरकार के मुताबिक निजी सेक्टर भी अपने एंप्लाई वेलफेयर व कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी प्रोग्राम्स के तहत इन डिजिटल वाउचर्स का उपयोग कर सकती है।

आयुष्मान भारत में भी होगा इस्तेमाल

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और उर्वरक सब्सिडी आदि के लिए भी लाभार्थियों को ई-वाउचर सेट किया जा सकता है। चूंकि लाभ वाउचर के रूप में स्थानांतरित किए जाएंगे, उनका उपयोग केवल इच्छित उद्देश्य के लिए किया जा सकता है।

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