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पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोगः ‘दागी’ और ‘बेदाग’ उम्मीदवारों की सूची?, कानूनी परामर्श के बाद लिस्ट 21 अप्रैल तक डब्ल्यूबीएसएससी की वेबसाइट पर सार्वजनिक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 14, 2025 17:34 IST

West Bengal School Service Commission: डब्ल्यूबीएसएससी के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं किया जा सका।

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ठळक मुद्देसूची में उन उम्मीदवारों को ‘दागी’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।सूची का फिलहाल प्रति-सत्यापन किया जा रहा है।नाम प्रकाशित करने से पहले कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेंगे।

कोलकाताः पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) ने माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के बर्खास्त शिक्षकों के विरोध-प्रदर्शन के बीच राज्य शिक्षा विभाग को ‘दागी’ और ‘बेदाग’ उम्मीदवारों की सूची प्रति-सत्यापन के लिए भेजी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि 13 अप्रैल को भेजी गई सूची में उच्चतम न्यायालय के तीन अप्रैल के फैसले से प्रभावित ‘दागी’ और ‘बेदाग’ उम्मीदवारों को कथित तौर पर अलग किया गया है। शीर्ष अदालत ने 2016 की भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के कारण लगभग 26,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया था। अधिकारी के मुताबिक, सूची में उन उम्मीदवारों को ‘दागी’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

जिनकी ओएमआर शीट में विसंगतियां थीं या जिन्होंने कथित तौर पर धोखाधड़ी के जरिये अपनी रैंकिंग में सुधार करके नौकरी हासिल की थी। उन्होंने बताया कि सूची में उन ‘बेदाग’ या योग्य उम्मीदवारों का ब्योरा भी शामिल है, जो पूरी तरह से मेधा के आधार पर उत्तीर्ण हुए थे। अधिकारी के अनुसार, “सूची का फिलहाल प्रति-सत्यापन किया जा रहा है।”

पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने पहले घोषणा की थी कि कानूनी परामर्श के बाद सूची 21 अप्रैल तक डब्ल्यूबीएसएससी की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी जाएगी। उन्होंने 11 अप्रैल को कहा था, “हम नाम प्रकाशित करने से पहले कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेंगे।” डब्ल्यूबीएसएससी के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं किया जा सका।

शीर्ष अदालत के फैसले के बाद बर्खास्त किए गए कई शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि डब्ल्यूबीएसएससी फर्जी और वैध उम्मीदवारों के बीच अंतर करने में विफल रहा, जिसके चलते सभी नियुक्तियां रद्द कर दी गईं। ‘बेदाग’ होने का दावा करने वाले प्रदर्शनकारी राज्य सरकार और डब्ल्यूबीएसएससी से योग्य उम्मीदवारों की बहाली के लिए कोई समाधान तलाशने की मांग कर रहे हैं।

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