Wayanad Landslide:केरल के वायनाड में आए भूस्खलन को पूरे पांच दिन बीत गए है। हादसे के बाद से पांच दिनों से राहत-बचाव का काम जारी है। एनडीआरएफ और आर्मी के जवान लोगों को बचाने के प्रयास मेंजुटे हुए हैं। इस बीच, मलयालम फिल्म एक्टर मोहनलाल ने वायनाड का दौरा किया है। फिल्म स्टार ने शनिवार को प्राकृतिक आपदा के पीड़ितों के प्रति एकजुटता और समर्थन व्यक्त करने के लिए केरल के वायनाड का दौरा किया। मोहलाल खुद सेना की वर्दी पहने हुए थे। मोहनलाल ने सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और मौके पर अधिकारियों से बात की। मेगास्टार ने पुनर्वास के प्रयासों के लिए 3 करोड़ रुपये भी दान किए।
मोहनलाल ने वायनाड में प्राकृतिक आपदा के पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने राहत बचाव कार्य की तारीफ की। पूरे इलाके का दौरा मोहनलाल ने आर्मी की ड्रैस पहनकर किया। मोहनलाल ने आपदा में अपने घर और परिवार खो चुके लोगों के पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता की भी पेशकश की। उन्होंने चूरलमाला, पंचिरिमट्टम, मुंडक्कई सहित अन्य स्थानों का दौरा किया।
मोहनलाल ने फेसबुक पर बचाव दलों को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हुए एक पोस्ट भी साझा की। "मैं वायनाड आपदा के पीड़ितों को राहत प्रदान करने के लिए अथक परिश्रम करने वाले निस्वार्थ स्वयंसेवकों, पुलिसकर्मियों, अग्निशमन एवं बचाव, एनडीआरएफ, सेना के जवानों, सरकारी अधिकारियों और हर व्यक्ति के साहस को सलाम करता हूं। मैं अपनी 122 इन्फैंट्री बटालियन, टीए मद्रास के प्रयासों के लिए आभारी हूं, जो राहत मिशन में सबसे आगे रहे हैं। हमने पहले भी चुनौतियों का सामना किया है और मजबूत होकर उभरे हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि हम एकजुट रहें और इस कठिन समय में अपनी एकता की ताकत दिखाएं। जय हिंद!”
मोहनलाल ने वायनाड की स्थिति के बारे में मीडिया से बात करते हुए कहा, "भूस्खलन की भयावहता को केवल प्रत्यक्ष रूप से देखकर ही समझा जा सकता है। सेना, नौसेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, अग्निशमन और बचाव, अन्य संगठन, स्थानीय लोग आदि जो बचाव अभियान का हिस्सा हैं, उन्होंने शानदार काम किया है।"
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोहनलाल ने कहा, "मौके पर जाने के बाद ही विनाश के पैमाने को समझा जा सकता है। मैं सेना और अन्य स्वयंसेवकों के राहत कार्यों के लिए उनका बहुत आभारी हूं। हम क्षेत्र में पुनर्वास कार्य के लिए विश्वशांति फाउंडेशन से 3 करोड़ रुपये भी दान करेंगे।"
गौरतलब है कि मोहनलाल को प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक से भी सम्मानित किया गया था। प्रादेशिक सेना एक सैन्य रिजर्व बल थी जिसमें अंशकालिक स्वयंसेवक थे, जिन्होंने 2009 में इस संकट के दौरान सहायता की पेशकश की थी।