Lucknow JPNIC Controversy: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला किया है। सपा प्रमुख ने कहा कि अगर कोई सुरक्षा संबंधी चिंता है, तो उन्हें मुझे सुरक्षा के साथ अनुमति देनी चाहिए थी, जो मुझे रोकने के लिए यहां लगाई गई है। बीजेपी के हाथ में विनाश की रेखा है। विनाशकारी अभिव्यक्तियां देखी जा सकती हैं। आप सीएम से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वह महान हस्तियों का सम्मान करेंगे? अगर उन्हें उनके (जय प्रकाश नारायण) योगदान के बारे में पता था, तो वह जय प्रकाश नारायण और उनके योगदान के बारे में क्या जानते हैं?
जो बल हमें रोकने के लिए यहां तैनात किया जा रहा है, वही बल हमें श्रद्धांजलि देने में मदद करता है। इस बल को नवरात्रि पर तैनात नहीं किया जाना चाहिए था, और वह हमें त्योहार मनाने की अनुमति देता जैसे वह मना रहा है। अखिलेश यादव ने नीतीश कुमार से राजग से समर्थन वापस लेने को कहा। आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ‘समाजवादियों’ को जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देने से रोक रही है।
सपा कार्यकर्ताओं को जेपीएनआईसी जाने से रोकने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि अगर त्योहार का दिन न होता तो बांस के लगाए गए अवरोधक समाजवादियों को रोक नहीं पाते। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को सूचित किया है कि शुक्रवार को यहां जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) का उनका निर्धारित दौरा सुरक्षा के लिहाज से “उचित नहीं” है, क्योंकि वहां निर्माण कार्य चल रहा है।
यहां जेपीएनआईसी के बाहर आधी रात को हुए घटनाक्रम के बाद, यादव ने शुक्रवार सुबह उनके घर के पास बैरिकेड्स लगाने को लेकर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना की। उनका कहना था कि ‘समाजवादियों’ को मौके पर जाने से रोकने और समाजवादी विचारक की प्रतिमा पर माल्यार्पण न करने देने के इरादे से ऐसा किया गया।
समाजवादी नेता और आपातकाल विरोधी आंदोलन के प्रतीक नारायण, जिन्हें आम तौर पर जेपी कहा जाता है, की 11 अक्टूबर को जयंती है। एलडीए ने आठ अक्टूबर के अपने पत्राचार का हवाला देते हुए एक पत्र में कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव, जिन्हें जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है, कन्वेंशन सेंटर में स्थित प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहते थे।
एलडीए ने 10 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा है, “यह अवगत कराना है कि इंजीनियरिंग विभाग, लखनऊ विकास प्राधिकरण ने कार्य स्थल की अद्यतन स्थिति के संबंध में रिपोर्ट उपलब्ध कराई है, जिसमें जेपी नारायण कन्वेंशन सेंटर परियोजना अभी निर्माणाधीन है, जिसके कारण निर्माण सामग्री अनियोजित तरीके से रखी गई है और बरसात का मौसम होने के कारण अवांछित जीवों के मौजूद होने की संभावना है।
यह स्थल उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, जिन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, की सुरक्षा की दृष्टि से माल्यार्पण/भ्रमण के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया है।” यादव ने शुक्रवार की सुबह सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप और तस्वीरें साझा कीं, जिसमें पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) सहित सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के साथ-साथ यहां विक्रमादित्य मार्ग पर उनके घर के पास बैरिकेड्स लगे हैं।
यह घर सपा मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर है। उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, “भाजपा के लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मकता का प्रतीक है। पिछली बार की तरह समाजवादी लोग कहीं ‘जय प्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने न चले जाएं, इसीलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गयी है।”
सपा प्रमुख ने यह भी दावा किया कि भाजपा ने श्रद्धांजलि, पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक), सौहार्द का मार्ग, शांति का मार्ग, संविधान का मार्ग, आरक्षण का मार्ग, किसानों का मार्ग, महिलाओं का सम्मान, युवाओं का विकास, सच्चा मीडिया, रोजगार, व्यापार, पेंशन... तरक्की, उज्ज्वल भविष्य, आजादी का रास्ता रोका है।
यादव ने कहा, “भाजपा हमेशा स्वतंत्रता-सेनानियों और स्वतंत्रता आंदोलन की विरोधी रही है। रास्ते रोकना इन्होंने औपनिवेशिक शक्तियों के साथ रहने और दबे-छुपे उनका साथ देने से सीखा है। जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!” समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, “सत्ता के मद में चूर भाजपा लोकतंत्र की बैरिकेडिंग करना चाहती है। सत्ता का तंत्र कभी लोक के तंत्र पर भारी नहीं हो सकता। अतीत से सबक लीजिए सरकार! लोकतंत्र में तानाशाही लंबी नहीं चलती।” शिवपाल ने सुरक्षा तैनाती का वीडियो भी सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट किया।