चेन्नई, नौ नवंबर तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक और मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक के बीच महानगर में बारिश के चलते पानी भरने के मुद्दे पर मंगलवार को वाकयुद्ध शुरू हो गया। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने यहां जलजमाव के लिए पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया और मामले की जांच के लिए एक आयोग की भी घोषणा की।
वहीं, प्रमुख विपक्षी दल ने आरोप को खारिज किया और द्रमुक सरकार पर बदनाम करने तथा यहां जलजमाव को रोकने के लिए उपाय नहीं करने का आरोप लगाया।
मंगलवार को यहां और आसपास के जिलों-कांचीपुरम, तिरुवल्लूर तथा चेंगलपेट में बारिश में कमी दर्ज की गई।
लगातार तीसरे दिन यहां कई प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने और प्रभावित लोगों को भोजन एवं राहत सामग्री वितरित करने वाले स्टालिन ने कहा कि प्रभावित लोगों को भोजन, आश्रय और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के संबंध में कार्रवाई जारी है।
यह पूछे जाने पर कि क्या शहर में जलजमाव कम हुआ है, मुख्यमंत्री ने मौजूदा हालात के लिए पिछली अन्नाद्रमुक सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, "यह एक हद तक कम हो गया है, लेकिन पूरी तरह से नहीं। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछली सरकार को स्मार्ट सिटी मिशन के तहत केंद्र से कई करोड़ रुपये मिले थे। उन्होंने उसके साथ जो किया वह हमने नहीं किया।"
स्टालिन ने कहा कि पिछली अन्नाद्रमुक सरकार में पूर्व मंत्री वेलुमणि के नेतृत्व वाले स्थानीय प्रशासन विभाग ने 'कोई काम नहीं' किया था।
उन्होंने आरोप लगाया, "हालांकि यह बहुत स्पष्ट है कि उन्हें (पूर्ववर्ती सरकार) कमीशन मिला था।"
स्टालिन ने कहा, "हम स्थिति का प्रबंधन, काम कर रहे हैं और इससे निपट रहे हैं। (बारिश से संबंधित) काम पूरा होने के बाद, इस मामले को देखने के लिए एक उपयुक्त जांच आयोग का गठन किया जाएगा।"
ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि बारिश कम होने तक राज्य द्वारा संचालित अम्मा कैंटीन में लोगों को मुफ्त भोजन दिया जाएगा।
वहीं, लगातार दूसरे दिन प्रभावित इलाकों का दौरा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता के. पलानीस्वामी ने स्टालिन के आरोपों को मानहानिकारक बताते हुए खारिज कर दिया।
पलानीस्वामी ने बाढ़ की समस्या के लिए द्रमुक सरकार को जिम्मेदार ठहराया और जलभराव को रोकने के लिए एहतियाती कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने कई प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि निचले इलाकों से पानी निकालने के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।
पलानीस्वामी ने कहा कि पिछले तीन दिनों से कई इलाकों में लोग बाढ़ से जूझ रहे हैं और बारिश का पानी घरों में घुस गया है।
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