लखनऊः केंद्र सरकार के प्रयास से लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ संशोधन बिल पास हो गया. अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में अवैध रूप से वक्फ घोषित की गई संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए योगी सरकार ने सूबे की नौकरशाहों को दो स्तर पर सक्रिय किया है. पहले स्तर के तहत सूबे के सभी जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) को कहा गया है कि वह जिले में अवैध तरीके से वक्फ की गई सरकारी संपत्तियों का ब्यौरा तैयार करें. जबकि दूसरे स्तर पर सरकार ने अल्पसंख्यक विभाग के अफसरों को संशोधित वक्फ कानून के मुताबिक उत्तर प्रदेश में नई वक्फ नियमावली बनाए जाने का आदेश दिया है. संशोधित वक्फ कानून के तहत यूपी में भी वक्फ बोर्डों का गठन होगा और सभी वक्फ संपत्तियां ऑनलाइन की जाएंगी. यह कार्य छह माह के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके बाद सूबे की योगी सरकार अवैध रूप से वक्फ घोषित सम्पत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई करेंगी.
राजस्व अधिकारी गांव-गांव करेंगे सर्वे
अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश में वक्फ संपत्तियों को लेकर काफी विवाद है. इसकी एक वजह सरकारी और ग्राम समाज की जमीन को भी अवैध तरीके से वक्फ घोषित किया जाना. जबकि नियमानुसार सरकारी और ग्राम समाज की जमीनें वक्फ की संपत्ति घोषित नहीं हो सकती हैं.
इसके बाद भी प्रदेश में मनमाने तरीके से खलिहान, तालाब, पोखर आदि को मनमाने तरीके से वक्फ की घोषित किया गया. पीलीभीत में तालाब की जमीन को वक्फ की घोषित किए जाने के एक मामले की की सुनवाई हाईकोर्ट में रही है. ऐसे तमाम मामलों के सामने आने पर सरकार के सामने आए है.
एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड में करीब 1,32,140 वक्फ संपत्तियां हैं. इनमें से 1,19,451 सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास और 5,269 शिया वक्फ बोर्ड के पास हैं. इनमें 57,792 ऐसी वक्फ संपत्तियां हैं जो सरकारी हैं. इस जानकारी के आधार पर ही राजस्व विभाग को पूरे प्रदेश में अवैध तरीके से वक्फ घोषित की गई सरकारी संपत्तियों का ब्यौरा तैयार करने को कहा गया.
अब गांव-गांव में सर्वे कर राजस्व अधिकारी ऐसी सम्पत्तियों का पता लगाएंगे. इन अधिकारियों के रिपोर्ट के आधार पर अवैध रूप से वक्फ घोषित सम्पत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही जिन अधिकारियों ने अवैध रूप से सरकारी या निजी भूमि को वक्फ के रूप में खतौनी में दर्ज किया, उनके खिलाफ भी कार्रवाई ही जाएगी. इसलिए सर्वे का काम बहुत गंभीरता से किया जाना है. वैसे भी सीएम योगी कह चुके हैं कि वक्फ के नाम पर किसी संपत्ति को नहीं हड़पने दिया जाएगा.
छह माह में बन जाएगी नई नियमावली
गांव-गांव में अवैध तरीके से वक्फ की गई सरकारी संपत्तियों का ब्यौरा तैयार करने के साथ ही सूबे के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद अब यूपी की मौजूदा नियमावली में बदलाव करना होगा. इसके लिए विभाग में केंद्रीय एक्ट में किए गए संशोधनों पर विभाग में मंथन किया जा रहा है.
जल्दी ही इस मामले में विधिक राय लेकर प्रदेश की मौजूदा वक्फ नियमावली में बदलाव कर जिलाधिकारी के बढ़ाए गए अधिकारों को नई नियमावली में स्थान दिया जाएगा. यह कार्य करते हुए ही सूबे की सभी वक्फ संपत्तियों को ऑनलाइन करने के लिए उनका ब्यौरा तैयार किया जाने का कार्य भी किया जायगा.
छह माह के भीतर यह दोनों कार्य पूरे किए जाने का टार्गेट है. ताकि जैसे ही केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों को दर्ज करने के लिए पोर्टल की व्यवस्था प्रारंभ करें, उसके साथ ही यूपी की सभी वक्फ संपत्तियों को ऑनलाइन कर दिया जाए. यह कार्य होते ही राज्य में अवैध रूप से वक्फ घोषित की गई संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई शुरू करेगी.
यह चर्चा है कि इसका लाभ सूबे की योगी सरकार को वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में मिल सकता है. इसलिए योगी सरकार छह माह के भीतर ही नई वक्फ नियमावली बनाने के साथ ही गांव-गांव में वक्फ सम्पत्तियों का सर्वे कर पता लगाए जाने पर ज़ोर दे रही है.