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मध्यप्रदेश व्यापमं घोटालाः कोर्ट ने 31 आरोपियों को ठहराया दोषी, 25 नवंबर को होगा सजा का ऐलान

By रामदीप मिश्रा | Published: November 21, 2019 6:25 PM

मध्यप्रदेश व्यापमं घोटालाः सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने घोटाले की जांच की जिम्मेदारी संभाली। इससे पहले मध्यप्रदेश पुलिस इसकी जांच कर रही थी।

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ठळक मुद्देमध्यप्रदेश में हुए व्यापमं घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने गुरुवार को 31 आरोपियों को दोषी ठहराया। केस की सुनवाई सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसबी साहू की अदालत हो रही थी।

मध्यप्रदेश में हुए व्यापमं घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने गुरुवार को 31 आरोपियों को दोषी ठहराया। इस केस की सुनवाई सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसबी साहू की अदालत हो रही थी। कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाने के लिए कोर्ट ने 25 नवंबर की तारीख तय की है। 

साल 2013 की पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले के मामले में सीबीआई ने 31 लोगों को आरोपी बनाया था, जिन्हें दोषी करार दिया गया है। अब सजा का ऐलान 25 नवंबर को किया जाएगा। वहीं, इसी साल 16 सितंबर को सीबीआई की विशेष अदालत ने व्यापमं घोटाले में संलिप्तता के मामले में दो अभ्यर्थियों को दोषी करार देते हुए उन्हें सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। साथ ही साथ 1,000-3,000 रुपये तक जुर्माने भी लगाया गया था। दोनों ने 2013 में पुलिस एएसआई और सूबेदार पद पर भर्ती के लिए आवेदन दिया था। 

बता दें कि व्यापमं में गड़बड़ी का बड़ा खुलासा सात जुलाई, 2013 को पहली बार पीएमटी परीक्षा के दौरान तब हुआ, जब एक गिरोह इंदौर की अपराध शाखा की गिरफ्त में आया। यह गिरोह पीएमटी परीक्षा में फर्जी विद्यार्थियों को बैठाने का काम करता था। तात्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को अगस्त 2013 में एसटीएफ को सौंप दिया। 

सु्प्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया और उसने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, न्यायमूर्ति चंद्रेश भूषण की अध्यक्षता में अप्रैल 2014 में एसआईटी गठित की, जिसकी देखरेख में एसटीएफ जांच करता रहा। नौ जुलाई, 2015 को मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला हुआ और 15 जुलाई से सीबीआई ने जांच शुरू की।

सरकार के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके ओएसडी रहे ओ. पी. शुक्ला, भाजपा नेता सुधीर शर्मा, राज्यपाल के ओएसडी रहे धनंजय यादव, व्यापमं के नियंत्रक रहे पंकज त्रिवेदी, कंप्यूटर एनालिस्ट नितिन मोहिंद्रा जेल जा चुके हैं। ज्ञात हो कि इस मामले में दो हजार से अधिक लोग जेल जा चुके हैं, और चार सौ से अधिक अब भी फरार हैं।

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