आज़मगढ़: बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर हंगामा जारी है। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने कहा कि वो बहिष्कार नहीं कर रहे हैं बल्कि अपनी पराजय स्वीकार कर रहे हैं। वो जान रहे हैं कि अब फर्जी मतदान नहीं कर पाएंगे। संविधान से बड़ा कोई नहीं है, संविधान सर्वोपरि है और संविधान के दायरे में काम हो रहा रहे। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्ष और विशेष रूप से कांग्रेस सदन को नहीं चलने दे रहे हैं। बाहर आकर कहते हैं कि उनको बोलने नहीं दिया जाता और सदन में चर्चा में भाग नहीं लेते हैं, इसका क्या मतलब है? हम कहना चाहते हैं कि विपक्ष चर्चा करें, हम चर्चा के लिए तैयार हैं, ये चर्चा से भागते हैं। भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने RJD नेता तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार वाले बयान पर कहा कि ये इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वह जानते हैं कि वो लोग हार चुके हैं और चुनाव जब हार चुके हैं तो चुनाव बहिष्कार और SIR के नाम पर नाटक कर रहे हैं।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर कहा, "इस देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब विपक्ष के नेता को इस देश से कोई मतलब ही नहीं है। कभी आपने उन्हें गंभीरता से राजनीति करते देखा है। दो मिनट आते हैं और मीडिया में बोलकर चले जाते हैं। कई बार ऐसा होता है कि सदन में उनकी उपस्थिति जीरो है इसके बावजूद वो चाहते हैं कि जब वो सदन में खड़े हो तो उन्हें बोलने का मौका दिया जाए।
सदन में कुछ नियम है..मुझे लगता है उन्होंने नियम कानून पढ़ा ही नहीं..एक अनंतिम रिपोर्ट होती है और एक अंतिम रिपोर्ट होती है। तो अनंतिम रिपोर्ट ये है ऑपरेशन सिंदूर में हमारी जीत हो गई है और अंतिम रिपोर्ट तब मिलेगा जब हम PoK ले लेंगे तो आपको पता ही चल जाएगा...बिहार में अगर बांग्लदेशी या विदेशी आए हैं तो उनके नाम हटाए जाएंगे...कांग्रेस की मानसिकता विकृत हो गई है..'
नारेबाजी और तख्तियां लाना कांग्रेस के संस्कार नहीं रहे, पर नई पीढ़ी के संस्कार देश देख रहा है: बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को सदन में हंगामा करने के लिए कांग्रेस सदस्यों को आड़े-हाथों लिया और कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के संस्कार सदन में नारेबाजी करने, तख्तियां लाने और मेजें ठोंकने के लिए नहीं रहे हैं, लेकिन इस दल के मौजूदा सांसदों का आचरण पूरा देश देख रहा है।
कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के विषय पर हंगामा किया जिससे कार्यवाही बाधित हुई। बिरला ने कहा, ‘‘ आपसे पहले भी कहा गया है कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है। इसमें जनता के महत्वपूर्ण सवाल होते हैं और सरकार की जवाबदेही होती है...
कई सांसदों ने कहा कि उनका प्रश्नकाल के दौरान मुश्किल से प्रश्न आता है, लेकिन आप लोगों का जिस तरह का व्यवहार होता है, वो संसद की गरिमा के अनुकूल नहीं है।’’ उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘आप लोग इतने पुराने राजनीतिक दल के संसद सदस्य हो, जिसका इस सदन के अंदर गरिमा और मर्यादा का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
लेकिन लोग देखेंगे कि आप किस तरह से सदन में व्यवहार करते हैं, तख्तियां लेकर आते हैं और मेजें ठोकते हैं।’’ लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों का आह्वान किया कि वे संसद की गरिमा और मर्यादा को बनाए रखें। उनका कहना था, ‘‘यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। लोकतंत्र के अंदर हमारी पारदर्शिता और जवाबदेही को दुनिया जानती है।
आप इस तरह का आचरण करेंगे तो इसका लोकतांत्रिक संस्थाओं में क्या संदेश जाएगा।’’ बिरला ने कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से कहा, ‘वेणुगोपाल जी, क्या आप अपने सांसदों को यही सिखाते हो। नारेबाजी करना, तख्तियां लाना, मेज थपथपाना आपकी पार्टी के संस्कार नहीं रहे हैं, लेकिन नई पीढ़ी जिस तरह का संस्कार पेश कर रही है वो पूरा देश देख रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप लोग माननीय हैं, लाखों लोगों ने आपको चुनकर भेजा है...तख्तियां लेकर मेजें तोड़ने के लिए नहीं भेजा है।’’ बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि तख्तियां लेकर आने पर सदन नहीं चलेगा। लोकसभा अध्यक्ष ने इस बात का उल्लेख किया कि संसद पर जनता के करोड़ों रुपये खर्च होते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल के बाद नियमों के तहत हर मुद्दे पर चर्चा का अवसर दिया जाएगा। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी। इससे पहले 21 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र के पहले तीन दिन भी सदन में विपक्ष के हंगामे के कारण कामकाज बाधित रहा।