विश्वभारती के शिक्षक संगठन ने प्रधानमंत्री से संस्थान में आयी गिरावट की अपील की

By भाषा | Published: September 2, 2021 07:50 PM2021-09-02T19:50:31+5:302021-09-02T19:50:31+5:30

Visva-Bharati's teachers' organization appealed to the Prime Minister for the decline in the institute | विश्वभारती के शिक्षक संगठन ने प्रधानमंत्री से संस्थान में आयी गिरावट की अपील की

विश्वभारती के शिक्षक संगठन ने प्रधानमंत्री से संस्थान में आयी गिरावट की अपील की

विश्वभारती से तीन छात्रों के निष्कासन को लेकर विद्यार्थियों के विरोध प्रदर्शन के बीच अध्यापकों के एक समूह ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे इस प्रतिष्ठित संस्थान में आयी गिरावट को रोकने के लिए उपयुक्त कदम उठाने का अनुरोध किया। कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के हाल के कुछ निर्णयों का विरोध करते हुए विश्व भारतीय विश्वविद्यालय अध्यापक संघ (एसोसिएशन) के पत्र में कहा गया है कि जिन मामलों में ‘‘तीन विद्यार्थियों को निकाल दिया गया और बड़ी संख्या में अध्यापकों एवं कर्मियों को निलंबित किया या उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया ’’ उनका संवाद एवं चर्चा के माध्यम हल किया जा सकता था। एसोसिएशन ने आशंका प्रकट कि पिछले दो सालों में कुलपति द्वारा लिये निर्णयों के कारण सामने आये घटनाक्रम से संस्थान ‘ बंद’ हो सकता है। उसने प्रधानमंत्री मोदी को भेजे पत्र में आरोप लगाया, ‘‘ माननीय कुलाधिपति नियमित रूप से इस विशाल देश के विद्यार्थियों से संवाद करते हैं लेकिन प्रोफेसर चक्रवर्ती विद्यार्थियों से बातचीत करने में विफल रहे जबकि ये छात्र-छात्राएं हमारे बेटे-बेटियों के समान हैं। टकराववादी रवैये एवं दिशादृष्टि की कमी के कारण प्रोफेसर चक्रवर्ती विश्वभारती को अस्तित्व के संकट पर ले जा रहे हैं।’’ शिक्षकों के एक वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले इस निकय ने आरोप लगाया है कि कार्यकारी परिषद समेत विश्वविद्यालय के विभिन्न निकिाय ‘पक्षपातपूर्ण रवैये’ के साथ एवं कुलपति के इशारे पर काम कर रहे हैं । उसने मांग की कि चक्रवर्ती के विरूद्ध की गयी शिकायतों की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश या सेवानिवृत न्यायाधीश की अगुवाई वाली एक स्वतंत्र समिति से करायी जाई। तीन विद्यार्थियों को उनके कथित दुर्व्यवहार को लेकर इस केंद्रीय विश्वविद्यालयों से निष्कासित कर दिया गया है। उनमें दो अर्थशास्त्र की पढाई कर रहे हैं जबकि तीसरा संगीत विभाग से जुड़ा है। तीनों को उनके कथित दुर्व्यवहार एवं परिसर में प्रदर्शन के दौरान चक्रवर्ती के विरूद्ध अभद्र भाषा का प्रयोग करने को लेकर पहले जनवरी 2021 में निलंबित किया गया। विश्वभारती के एक अधिकारी ने बताया कि तीनों को ही विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त जांच आयुक्त के सामने अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया था लेकिन वे ‘अड़ियल एवं माफी नहीं मांगने का रुख अपनाए हुए हैं। ’’ अधिकारी ने कहा कि कुलपति के विरूद्ध लगाये गये आरोप ‘असत्य’ हैं एवं विश्वविद्यालय प्रशासन नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता रवींद्रनाथ द्वारा स्थापित ‘‘इस संस्थान के बहुविषयक अकादमिक मापदंड को सुधारने के लिए‘ सभी पक्षों के साथ मिलकर काम करना चाहता है। निष्कासन आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शनकारी पिछले पांच दिनों से कुलपति निवास के बाहर धरने पर बैठे हैं। इस प्रदर्शन के चलते स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश रोक दिया गया है और विश्वविद्यालय ने नोटिस जारी करके कहा कि चक्रवर्ती विश्वविद्यालय के विषयों को देख नहीं पा रहे हैं। कुलपति की इस शिकायत के बाद कि उन्हें प्रदर्शन के चलते बाहर से खाने-पीने की चीजें मंगवाने में मुश्किल हो रही है, प्रदर्शनकारियों ने दिन में तीन बार भोजन भेजने का इंतजाम किया। सोमनाथ शॉ नामक एक निष्कासित छात्र ने कहा कि कुलपति निवास के पहरेदार को खाने-पीने की चीजें दी जा रही हैं।

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Web Title: Visva-Bharati's teachers' organization appealed to the Prime Minister for the decline in the institute

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