नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान फैली हिंसा के मामले में भाजपा ने राज्य की में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जोरदार हमला बोला है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने ममता बनर्जी के शासन की तुलना कम्युनिष्ट शासन से की है।
नई दिल्ली में प्रेस कांन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, "पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में जिस प्रकार के दृश्य दिखाई दे रहे हैं, हिंसा का जो तांडव दिखाई पड़ रहा है, यह कष्टकारक है। इस से भी अधिक दुखद है, वहां की सरकार की असंवेदनशीलता। हमारे कार्यकर्ताओं पर प्राणघातक हमले हुए हैं। मैं तृणमूल कांग्रेस को यह कहना चाहता हूं कि यह हिंसा का जो खेल आप खेल रहे हैं, ऐसा ही कम्युनिस्ट सरकार करती थी। आज आप उनका हाल देख लीजिए।"
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा, "पश्चिम बंगाल की सरकार और पुलिस जिस प्रकार से बर्ताव कर रही है वो भारत के लोकतांत्रिक और चुनावी इतिहास में एक बहुत ही काला अध्याय है। बंगाल में 341 ब्लॉक हैं। आखिरी दिन यहां, 4 घंटे के अंदर 40 हजार से अधिक लोगों ने नामांकन किया है, वो भी 340 ब्लॉक में... यानी एक व्यक्ति के नामांकन का समय औसतन 2 मिनट आता है। इस गति से हुए नामांकन दर्शाते हैं कि स्थानीय सरकार किस तरह से व्यवस्था को अपने हाथ में लिए हुए है। क्या यह लोकतंत्र का उपहास नहीं है?"
उन्होंने विपक्षी दलों से सवाल पूछते हुए कहा, मैं समस्त विपक्षी दलों से पूछना चाहता हूं- "लोकतंत्र का हिंसा से घायल स्वरूप आज जो पश्चिम बंगाल में दिख रहा है, जो मां, माटी, मानुस की बात करती थीं, आज वहां भारत मां के विरुद्ध शक्तियां खड़ी हो रही हैं, माटी खून से सनी है और मनुष्यता पूरी तरह से व्यथित और कलंकित नजर आ रही है। उसको देख कर भी, किसी विपक्षी दल को कोई समस्या नजर नहीं आ रही है।"
बता दें कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान फैली हिंसा मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य में अगले 48 घंटों के भीतर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश दिया है। इस फैसले का स्वागत करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने समर्थन किया है। भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि यह निर्णय राज्य में राजनीतिक हिंसा को खत्म करेगा। हालांकि ममता इस फैसले के खिलाफ हैं और मामले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार हाईकोर्ट पहुंच गई है। राज्य सरकार ने पंचायत चुनावों के लिए जिलों में केंद्रीय बलों की तैनाती के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में समीक्षा याचिका दायर की है।