Vijay Rupani Resigns: विजय रुपाणी के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए गुजरात भाजपा विधायक दल की रविवार को बैठक होने की संभावना है। पार्टी के एक नेता ने यहां यह बताया। पार्टी के प्रदेश इकाई प्रमुख सी आर पाटिल ने कहा कि मैं सीएम रेस से बाहर हूं। 2022 में भाजपा को जीतना लक्ष्य है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता यमल व्यास ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ विधायक दल की बैठक में शामिल हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से करीब साल भर पहले अचानक से हुए एक घटनाक्रम में मुख्यमंत्री रुपाणी ने शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया।
व्यास ने यहां पार्टी मुख्यालय कमलम में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव सहित वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बैठक के बाद संवाददाताओं से यह कहा। उन्होंने कहा , ‘‘भाजपा विधायक दल की रविवार को बैठक होने की संभावना है, लेकिन (पार्टी के) केंद्रीय संसदीय बोर्ड द्वारा बैठक के सटीक समय से हमें अवगत कराये जाने के बाद ही हम इसकी पुष्टि कर सकेंगे। भाजपा के सभी विधायक केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ बैठक में शामिल होंगे।’’
उन्होंने कहा कि बैठक में नये मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला होगा। इस बीच, संतोष और यादव ने पार्टी के प्रदेश इकाई प्रमुख सी आर पाटिल, उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा व प्रदीप सिंह जाडेजा, प्रदेश भाजपा महासचिव प्रदीप सिंह वाघेला और राजूभाई पटेल तथा विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक पंकज देसाई सहित गुजरात भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की।
व्यास ने कहा कि रुपाणी ने मुख्यमंत्री के तौर पर कई सारे विकास कार्य कर राज्य को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने कहा, ‘‘यह भाजपा में सामान्य प्रकिया है...उन्हें एक नयी जिम्मेदारी दी जाएगी। वह पहले प्रदेश प्रमुख थे, फिर मुख्यमंत्री बने और अब वह नयी जिम्मेदारी निभाएंगे।’’
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सी आर पाटिल के साथ मतभेदों की बात को खारिज कर दिया। रुपाणी जैन समुदाय से आते हैं, जिसकी राज्य में करीब दो प्रतिशत आबादी है। इस तरह की अटकलें हैं कि उनका उत्तराधिकारी पाटीदार समुदाय से हो सकता है। रुपाणी पहली बार सात अगस्त, 2016 को मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद यह पद संभाला था।
विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद गुजरात के नए मुख्यमंत्री को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है। इनमें उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, राज्य के कृषि मंत्री आर सी फल्दू और केंद्रीय मंत्रियों पुरुषोत्तम रुपाला एवं मनसुख मांडविया के नामों की अटकलें लगाई जा रही हैं। एक पार्टी नेता ने कहा कि यह कहना असंभव होगा कि मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा क्योंकि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेंगे।
नितिन पटेल की तरह प्रभावशाली पाटीदार समुदाय से आने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है। कोविड-19 की लहर के बीच भाजपा ने शासन में बदलाव का जो दौर शुरू किया, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल के बाद भी जारी नजर आ रहा है। भाजपा ने हाल में ही लिंगायत समुदाय से आने वाले दिग्गज नेता बी एस येदियुरप्पा की जगह कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में एक अन्य लिंगायत नेता बसवराज बोम्मई को नियुक्त किया।
उत्तराखंड में उसने दो ठाकुर मुख्यमंत्रियों को एक के बाद एक हटाया और फिर एक अन्य ठाकुर नेता को कुर्सी पर बैठाया। वहीं गुजरात में ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सियासी रूप से कम महत्वपूर्ण जैन समुदाय से आने वाले रुपाणी की जगह किसी पाटीदार को कमान सौंपी जा सकती है। पाटीदार पश्चिमी राज्य का सबसे बड़ा समुदाय है।
असम में भी देखा गया कि पार्टी ने पांच साल मुख्यमंत्री रहे सर्बानंद सोनोवाल की जगह इस बार विधानसभा चुनाव के बाद हिमंत बिस्व सरमा पर दांव लगाया। हालांकि, इसे सोनोवाल के काम में किसी तरह की कमी के बजाय सरमा को पार्टी की तरफ से दिए गए इनाम के तौर पर देखा गया।
सोनोवाल को पार्टी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी है। इस बीच रुपाणी के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष गोपाल इतालिया ने कहा कि भाजपा की मुख्यमंत्रियों को बदलने की परंपरा है और राज्य में आम आदमी पार्टी द्वारा बनाये गये नैतिक दबाव की वजह से रुपाणी को इस्तीफा देना पड़ा।
उन्होंने कहा, ‘‘2001 में भूकंप के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल को बदला गया। फिर 2015 में शुरू हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान आनंदी बेन पटेल को हटाया गया और अब विजय रूपाणी को।’’ निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने रुपाणी को राज्य में कोविड महामारी के दौरान कथित अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह कोविड संकट के अपने कुप्रबंधन के लिए इस्तीफा देते तो गुजरात के लोग तारीफ करते।’’
(इनपुट एजेंसी)