Video Deepotsav celebration in Ayodhya: उत्तर प्रदेश के अयोध्या को भव्य सजाया गया है। दीपोत्सव समारोह में अयोध्या में सरयू नदी के तट पर 25 लाख दीये जलाए गए हैं। छोटी दीपावली के अवसर पर अयोध्या में बुधवार को भव्य दीपोत्सव समारोह के तहत झांकियों की एक शोभायात्रा निकाली गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में अयोध्या में यह आठवां दीपोत्सव कार्यक्रम हो रहा है। रामायण के प्रसंगों को दर्शाती झांकियों में देशभर के शास्त्रीय नर्तकों की प्रस्तुति ने राम पथ पर अपना जादू बिखेरा। 18 विशेष झांकियां इस दीपोत्सव का मुख्य आकर्षण रहीं।
झांकियों के दृश्य को हर कोई अपने मोबाइल फोन के कैमरे में कैद करता दिखा। इस दौरान रामपथ पर गुलाल उड़ने के साथ जमकर आतिशबाजी भी हुई। इस भव्य शोभायात्रा में साकेत महाविद्यालय के छात्रों ने पुत्रेष्टि यज्ञ से लेकर श्रीराम के राजतिलक तक के विभिन्न प्रसंगों को बड़े ही सुंदर ढंग से झांकियों के रूप में प्रस्तुत किया।
महोत्सव में साकेत महाविद्यालय की 18 झांकियों में से 11 झांकियां सूचना विभाग की ओर से और सात झांकियां पर्यटन विभाग द्वारा तैयार की गईं। पर्यटन विभाग द्वारा सजाई गई झांकियों में तुलसीदास रचित रामचरितमानस के सात अध्यायों- बालकांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किष्किंधा कांड, सुंदर कांड, लंका कांड और उत्तर कांड पर आधारित सुंदर दृश्य प्रस्तुत किए गए हैं।
इस आठवें दीपोत्सव में श्रीराम की शिक्षा, सीता-राम विवाह, वन गमन, भरत मिलाप, शबरी प्रसंग, अशोक वाटिका, हनुमान का लंका गमन, शक्तिबाण लगने से लक्ष्मण का मूर्छित होना, रावण वध, अयोध्या आगमन और दीपोत्सव पर आधारित झांकियों का विशेष प्रदर्शन किया गया। शोभायात्रा के राम पथ पर आगे बढ़ते ही स्थानीय लोग सड़क के दोनों तरफ खड़े हो गए और पुष्पवर्षा कर उसका स्वागत किया।
सरकार ने घाटों पर पांच से छह हजार लोगों की मेजबानी की व्यवस्था की है। अन्य लोगों हेतु कार्यक्रम के सीधा प्रसारण के लिए 40 विशाल एलईडी स्क्रीन लगाई गईं। दीपोत्सव का उद्देश्य धार्मिक नगरी के आध्यात्मिक, पारंपरिक और सांस्कृतिक सार को प्रदर्शित किया। इस कार्यक्रम में छह देश म्यांमा, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया के कलाकार भी प्रस्तुति दी।
अयोध्या में इस साल के प्रारंभ में नवनिर्मित भव्य मंदिर में भगवान श्री रामलला के विराजमान होने के बाद बुधवार को आयोजित हो रहे पहले दीपोत्सव समारोह को लेकर राम नगरी के संतों और भक्तों के बीच खासा उत्साह है। अयोध्या के दशरथ महल के महंत बिंदु गद्याचार्य स्वामी देवेंद्र प्रसादाचार्य ने दीपोत्सव को सनातन धर्म की विरासत बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘दीपावली और दीपोत्सव सनातन धर्म की नींव हैं और इस साल का दीपोत्सव खास है क्योंकि भगवान श्री राम अयोध्या मंदिर में अपने निवास पर लौट आए हैं। यह उत्सव भगवान श्री राम के प्रति हमारी आस्था और भक्ति को व्यक्त करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।’’ संतों का मानना है कि अयोध्या नगरी एक बार फिर त्रेतायुग के दृश्य को प्रतिबिंबित करती है।
संत समुदाय ने श्री रामलला के अभिषेक के दिव्य अवसर को सरकार के समर्पित प्रयासों का परिणाम बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार ने अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सफलतापूर्वक पुनर्जीवित किया है और इससे पूरा संत समुदाय हर्षोल्लास से भर गया है।
चौभुजी मंदिर के महंत बृजमोहन दास महाराज ने स्वरचित छंदों के जरिये अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि श्री रामलला की उपस्थिति पर केवल संतों को ही नहीं बल्कि पूरी अयोध्या को गर्व है। उन्होंने कहा कि लोग अपनी श्रद्धा में एकजुट होकर अपार उत्साह के साथ इस दीपोत्सव को मना रहे हैं।
बधाई भवन मंदिर के महंत राजीव लोचन शरण महाराज ने कहा, ‘‘त्रेता युग के दौरान भगवान राम के अयोध्या आगमन पर देखा गया दिव्य दृश्य आज हमारे सामने फिर से प्रकट हुआ है। हम इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनकर अत्यंत प्रसन्न हैं और पूरे उत्साह के साथ दीपोत्सव में भाग ले रहे हैं।’’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को भव्य दीपोत्सव समारोह से पहले अयोध्या पहुंचे श्री राम, सीता और लक्ष्मण का स्वागत किया। नवनिर्मित राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद राम नगरी में पहली बार दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। श्री राम के सीता और लक्ष्मण हनुमान और अन्य लोगों के साथ 'पुष्पक विमान' (हेलीकॉप्टर) से अयोध्या पहुंचने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य ने उनका स्वागत किया।
भगवान राम के रथ को मुख्यमंत्री और अन्य लोगों ने राम दरबार स्थल तक खींचकर पहुंचाया। आदित्यनाथ ने बाद में उनकी आरती उतारी। बुधवार को शहर में उत्सव का माहौल रहा। इस साल जनवरी में मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला दीपोत्सव आयोजन है।