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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ दे रहे थे भाषण, छात्र लगाने लगे 'मोदी, मोदी' का नारा, जानिए फिर क्या हुआ

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: January 18, 2024 06:59 IST

देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, जब उनके भाषण के बीच में 'मोदी-मोदी' का नारा लगने लगा।

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ठळक मुद्देउपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ दे रहे थे भाषण, बीच में लगने लगा 'मोदी-मोदी' का नारा यह वाकया वनस्थली विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में हुआ, जहां उपराष्ट्रपति धनखड़ भाषण दे रहे थे भाषण के दौरान जब उपराष्ट्रपति ने पीएम मोदी का जिक्र किया तो लगा 'मोदी-मोदी' का नारा

टोंक: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, जब उनके भाषण के बीच में 'मोदी-मोदी' का नारा लगने लगा। जी हां, यह वाकया राजस्थान के टोंक जिले का है। जहां महामहिम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ वनस्थली विद्यापीठ में 40वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जब बनस्थली विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे तो उस दौरान सभागृह में मौजूद छात्र बेहद जोरदार तरीके के मोदी-मोदी का जयकारा लगाने लगे, जिसे कारण उपराष्ट्रपति को कई बार अपना भाषण रोकना पड़ा।

बताया जा रहा है कि दीक्षांत कार्यक्रम में भाषण दे रहे उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जब अपनी बातों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र किया तो कुछ छात्र अपने स्थान पर खड़े हो गये और जोर-जोर से 'मोदी-मोदी' का नारा लगाने लगे। इस कारण उपराष्ट्रपति के भाषण में कुछ समय के लिए व्यवधान आया और उन्हें अपना भाषण रोकना पड़ा।

उसके बाद सभागृह में मौजूद विद्यापीठ के शिक्षकों और कर्मचारियों ने जब छात्रों को शांत कराया, तब जाकर उपराष्ट्रपति ने अपना भाषण दोबारा शुरू किया। हालांकि उस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मंच पर खड़े मुस्कुरा रहे थे।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अपने दीक्षांत भाषण में पीएम मोदी की सराहना करते हुए कहा, "नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें एक बात समझ में आई कि विकास और प्रगति की कुंजी आपके पास से आती है...।" इसके बाद छात्रों ने फिर से 'मोदी-मोदी' का नारा लगाना शुरू कर दिया।

उन्होंने अपने भाषण में आगे कहा कि वनस्थली विद्यापीठ का उद्देश्य पूर्व और पश्चिम दोनों के आध्यात्मिक मूल्यों और वैज्ञानिक उपलब्धियों का संश्लेषण करना है। इसका शैक्षिक कार्यक्रम "पंचमुखी शिक्षा" की अवधारणा पर आधारित है और इसका उद्देश्य व्यक्तित्व का सर्वांगीण सामंजस्यपूर्ण विकास करना है।

अपने भाषण का समापन करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारतीय संस्कृति और विचार पर जोर, जिसमें सादा जीवन और खादी पहनना ही वनस्थली के जीवन की पहचान है।

टॅग्स :जगदीप धनखड़राजस्थानटोंकनरेंद्र मोदी
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