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बदली जाएंगी वंदे भारत ट्रेन की बोगियां, दूर होगी सीट की शिकायत

By रजनीश | Updated: May 13, 2019 18:46 IST

वंदे भारत ट्रेन की एक खासियत और भी है कि इसमें साफ-सफाई के लिए केमिकल प्रॉडक्ट की जगह ऑर्गेनिक सॉल्वेंट का प्रयोग किया जाता है। इसी के साथ ही इसे भारत की पहली ग्रीन ट्रेन का टैग भी मिला।

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ठळक मुद्देवंदे भारत को ट्रेन 18 नाम से भी जाना जाता है। इस ट्रेन में सबसे बड़ी शिकायत इसकी सीटों की है जिसे यात्री अपनी सुविधा के अनुसार रिक्लाइन नहीं कर सकते।रिक्लाइन न होने की वजह से लोगों ने रीढ़ में दर्द और थकान से जुड़ी समस्या की शिकायत भी कर चुके हैं।

भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत को एक नई ट्रेन से बदलने की तैयारी है। वंदे भारत में रह गई कमियों को इस नई ट्रेन में दूर करने का प्रयास किया गया है। महीने के अंत तक नई ट्रेन आ जाएगी और उसके आते ही पुरानी ट्रेन को रिपेयरिंग के लिए भेज दिया जाएगा।

वंदे भारत को ट्रेन 18 नाम से भी जाना जाता है। इस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी को बड़े धूमधाम से लॉन्च किया था। इस ट्रेन को ऐसे डिजाइन किया गया था कि यह नई दिल्ली से वाराणसी के बीच इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर 169 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चल सके।

इस ट्रेन की एक खासियत और भी है कि इसमें साफ-सफाई के लिए केमिकल प्रॉडक्ट की जगह ऑर्गेनिक सॉल्वेंट का प्रयोग किया जाता है। इसी के साथ ही इसे भारत की पहली ग्रीन ट्रेन का टैग भी मिला।

हालांकि लोगों को इस ट्रेन से भी कई शिकायतें हैं। सबसे ज्यादा शिकायत लोगों ने ट्रेन की सीट को लेकर किया। इसकी सीट सीधी है जो कि यात्रियों के लिए आरामदायक नहीं है। केबिन में शोर आने, बॉटल होल्डर की पोजीशन, वॉशबेसिन, वाशरूम में क्लॉथ होल्डर को लेकर भी लोगों ने शिकायत किया है।  हालांकि इसकी सीट का रिक्लाइन न होना एक बड़ी समस्या थी। जिससे सफर के दौरान यात्रियों ने रीढ़ में दर्द की शिकायत भी किया।

ट्रेनों पर कई बार लोग पत्थरबाजी भी करते हैं जिससे यात्रियों को नुकसान होने के साथ ही ट्रेन के कांच भी फूट जाते हैं। ऐसे लोगों की पहचान करने और उन्हें रोकने के लिए ट्रेन के बाहरी हिस्से में कैमरा लगाया गया है। बताया यह भी जा रहा है कि नई ट्रेन के खिड़की में ऐसे कांच का इस्तेमाल किया जाएगा जिनको पत्थर से कम नुकसान पहुंचे। नई ट्रेन मई के अंत तक नई दिल्ली आ सकती है। जिसमें अडस्टबल सीट और फुली फंक्शनल वॉशबेसिन हो सकती है। 

अभी यह ट्रेन हफ्ते में 5 दिन चलती है। एक वजह यह भी है कि इसको रिपेयर करने के लिए टाइम नहीं है। रेलमंत्री पियूष गोयल ने 100 और नई वंदे भारत ट्रेन का टार्गेट बनाया है। 2019-20 तक रेलवे का लक्ष्य 10 और ऐसी ट्रेनों का निर्माण करने का है। 

टॅग्स :वंदे भारत एक्सप्रेस
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