प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत राजग सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर शपथ लेने वाले वेलमवेल्ली मुरलीधरन को केरल में भाजपा को जमीनी स्तर पर मजबूत करने का श्रेय जाता है। भाजपा के बड़े नेताओं की केरल यात्रा के दौरान मुरलीधरन अक्सर ही दुभाषिया का काम करते हैं।
मुरलीधरन ने 1975 में आपातकाल के दौरान अखिल भारतीय विधार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता के तौर पर अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी। वह केरल में राजनीतिक रूप से संवेदनशील कन्नूर जिले के रहने वाले हैं, जहां अक्सर ही माकपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें देखने को मिलती है।
महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य मुरलीधरन प्रदेश केरल इकाई के दो बार प्रमुख रह चुके हैं। वह एबीवीपी के अखिल भारतीय महासचिव भी रह चुके हैं। भाजपा में उनका औपचारिक प्रवेश 1998 के लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ था जब उन्हें नयी दिल्ली में भाजपा के केंद्रीय चुनाव नियंत्रण कक्ष में वेंकैया नायडू की सहायता के लिए नियुक्त किया गया था।
वर्ष 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनने पर मुरलीधरन को नेहरू युवा केंद्र का उपाध्यक्ष बनाया गया था। वह 2002-04 के दौरान इसके महानिदेशक रहे थे। सबरीमला मंदिर प्रवेश के मुद्दे को लेकर केरल में व्यापक प्रदर्शन हुए थे लेकिन इस लोकसभा चुनाव में राज्य में भाजपा का खाता तक नहीं खुल सका।