रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में भूस्खलन होने के कारण बड़ा हादसा हो गया। बताया जा रहा है कि लैंडस्लाइड के कारण एक कार मलबे की चपेट में आकर दब गई। मलबे में दब जाने से गुजरात के तीन तीर्थयात्रियों सहित कम से कम पांच तीर्थयात्रियों की मौत हो गई।
गौरतलब है कि गुप्तकाशी-गौरीकुंड राजमार्ग पर फाटा के पास तरसाली में भूस्खलन हुआ, जिससे सड़क का 60 मीटर हिस्सा बह गया। श्रद्धालु एक कार में पवित्र मंदिर केदारनाथ की यात्रा कर रहे थे, तभी फाटा और सोनप्रयाग के बीच पहाड़ से गिर रहे पत्थरों और शिलाओं की चपेट में आ गए।
जानकारी के अनुसार, लैंडस्लाइड के कारण केदारघाटी का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। जिला और पुलिस प्रशासन ने केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों से अपील की है कि जो जहां है फिलहाल वहीं रहे।
एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची
घटना की जानकारी मिलते ही राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने बचाव अभियान शुरू किया लेकिन बारिश के कारण काम में बाधा आई। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को मौसम साफ होने पर कार के क्षतिग्रस्त अवशेषों से पांच शव निकाले गए।
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान गुजरात के जिगर आर मोदी, महेश देसाई, पारिक दिव्यांश और हरिद्वार के मिंटू कुमार और मनीष कुमार के रूप में की गई है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह राजवार ने बताया कि शुक्रवार को बचाव अभियान फिर से शुरू होने पर भूस्खलन के मलबे से कार, एक स्विफ्ट डिजायर और शवों के क्षतिग्रस्त अवशेष बाहर निकाले गए।
इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बारिश प्रभावित कोटद्वार क्षेत्र का जमीनी निरीक्षण किया, जहां कुछ दिन पहले भूस्खलन में एक व्यक्ति लापता हो गया था और कई पुल क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिससे एक बड़ी आबादी राज्य के बाकी हिस्सों से कट गई थी।
राज्य के कई जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने लगातार बारिश के मद्देनजर शुक्रवार को छह जिलों में भारी बारिश के लिए "ऑरेंज" अलर्ट और पहाड़ी राज्य में अगले तीन दिनों के लिए "रेड" अलर्ट जारी किया था।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, इस मानसून के दौरान विभिन्न घटनाओं में अब तक 58 लोग मारे गए हैं और 37 लोग घायल हुए हैं, जबकि 19 अन्य लापता हैं।