उत्तर प्रदेश की योदी आदित्यनाथ की सरकार की ओर से विशेष सुरक्षा बल (UPSSF) के गठन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। ये बल केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तर्ज पर है। यह बल उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों, प्रशासनिक कार्यालयों एवं परिसरों तथा तीर्थ स्थलों, मेट्रो रेल, हवाई अड्डा, बैंक तथा अन्य वित्तीय, शैक्षणिक एवं औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा का जिम्मा संभालेगा।
FIR और गिरफ्तारी के अधिकार
UPSSF को कई अहम अधिकार प्राप्त होंगे। इसके तहत UPSSF एफआईआर भी दर्ज करेगी, तलाशी और गिरफ्तारी भी कर सकेगी। यह बल विशेष परिस्थिति में किसी भी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकेगा जो उसे सुरक्षा के दौरान कर्तव्यों का पालन करने से रोकता है। साथ ही वहां हमला करने, हमले की धमकी देने या आपराधिक बल का प्रयोग करता है। इस गिरफ्तारी के लिए बल को किसी वारंट की भी जरूरत नहीं होगी।
इसमें 9919 जवान होंगे और पहले चरण में पांच बटालियन का गठन किया जाना है। इसका मुख्यालय लखनऊ में होगा डीजीपी के अधीन एडीजी स्तर का अधिकारी यूपी एसएसएफ का चीफ होगा। इसके अलावा आईजी, डीआईजी, कमांडेंट, उप कमांडेंट और अन्य अधीनस्थ अधिकारी भी शामिल होंगे।
स्पेशल ट्रेनिंग से लैस होंगे जवान
UPSSF की शुरुआत पीएसी के जवानों से की जाएगी। बाद में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड इस स्पेशल फोर्स के लिए भर्ती प्रक्रिया भी शुरू करेगा। यूपीएसएसएफ पर एक साल में 1747 करोड़ के खर्च का अनुमान है।
अपराधों की फॉरेंसिक जांच और अभियोजन के लिए पुलिस तंत्र और अभियोजकों को साइबर अपराध के क्षेत्र में दक्ष बनाने के मकसद से राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर स्थित पिपरसंड गांव में उत्तर प्रदेश पुलिस एवं फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।
इसका उद्देश्य फॉरेंसिक विज्ञान, आचार विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के क्षेत्र में अभिनव शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान प्रदान करना है। साथ ही आपराधिक मामलों की जांच, प्रबंधन और संचालन में आवश्यक प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञता दिलाना, प्रशिक्षित जनशक्ति तैयार करना और प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों को एकीकृत करना भी लक्ष्य होगा।