उत्तर प्रदेश में राज्यसभा के 10 सीटों पर होने वाले चुनाव में नया मोड़ आ गया है। दरअसल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की ओर से प्रत्याशी रामजी गौतम के दस प्रस्तावकों में से 5 ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया है। बसपा के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है। रामजी गौतम के राष्ट्रीय समन्वयक और बिहार इकाई के प्रभारी हैं।
मिली जानकारी के अनुसार जिन प्रस्तावकों ने अपना प्रस्ताव वापस लिया है, उन्होंने बुधवार सुबह ही अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। इस कदम के बाद यूपी की राजनीति गरमा गई है। बसपा के असलम चौधरी, असलम राईनी, मुज्तबा सिद्दिकी, हाकम लाल बिंद, गोविंद जाटव ने अपना प्रस्ताव वापस लिया है।
इससे पहले मंगलवार को वाराणसी के प्रकाश बजाज ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर सभी को चौंका दिया था। बताया जा रहा है कि प्रकाश बजाज को समाजवादी पार्टी का समर्थन हासिल है।
राज्यसभा चुनाव: 10 सीटों पर चुनाव पर 11 उम्मीदवार मैदान में
यूपी में दस राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है, जिसके लिए कुल 11 प्रत्याशी मैदान में आ गए हैं। बीजेपी की ओर से आठ और समाजवादी पार्टी सहित बहुजन समाज पार्टी से एक-एक उम्मीदवार मैदान में हैं। यूपी में राज्यसभा चुनाव के लिए नौ नवंबर को मतदान होगा। राज्यसभा की सीटें 25 नवंबर तक खाली हो रही हैं।
विधानसभा में अपने 304 सदस्य होने से बीजेपी सर्वाधिक आठ सीटें जीत सकती है जबकि 48 सदस्यों वाली समाजवादी पार्टी एक सीट पर आराम से जीत हासिल कर लेगी। विधानसभा में अभी बसपा के 18 सदस्य जबकि अपना दल (एस) के नौ सदस्य हैं। इसके अलावा कांग्रेस के सात, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार और पांच निर्दलीय हैं।
उत्तर प्रदेश के कोटे से 25 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे दस राज्यसभा सदस्यों में भाजपा के तीन - केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह और नीरज शेखर शामिल हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर राम गोपाल यादव, चंद्रपाल सिंह यादव, राम प्रकाश वर्मा और जावेद अली खान और बसपा के राजाराम और वीर सिंह का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इनके साथ ही कांग्रेस के पीएल पूनिया का भी कार्यकाल पूरा हो रहा है।