लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष अप्रैल में पंचायत चुनाव होने हैं. इस चुनावों में बड़ी जीत हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभी से अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. इसके तहत पहले तो सीएम योगी ने इस वित्तीय वर्ष के बजट में ग्राम पंचायतों ग्राम पंचायतों के लिए 7,560 करोड़ रुपए आवंटित किए और अब उन्होंने प्रदेश की 22,700 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने का फैसला किया है. एक डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना पर चार लाख रुपए खर्च होंगे.
सरकार का दावा है कि डिजिटल लाइब्रेरी के जरिए ग्रामीण इलाकों के बच्चे भी डिजिटल शिक्षा से जुड़ेंगे और उन्हे उच्च गुणवत्ता वाली अध्ययन सामग्री उपलब्ध हो सकेगी. सरकार के इस फैसले के पंचायत स्तर पर योगी सरकार के कामकाज को लेकर माहौल बनेगा और उसका लाभ आगामी पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों को मिल सकता है. इसी सोच के तहत योगी सरकार ने गांवों के विकास को फैसले लेने शुरू कर दिये हैं ताकि पंचायत चुनावों के पहले उसके फैसलों का असर ग्रामीण क्षेत्रों को दिखने लगे.
22,700 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी होगी स्थापित
यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत) चुनाव अप्रैल 2021 में हुए थे. इन चुनावों में भाजपा को बड़ी जीत मिली थी. भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष के 75 में से 66 पदों पर काबिज हुई थी. और जिला पंचायत सदस्य के पद पर भाजपा के 768 उम्मीदवार जीते थे. सपा के लगातार कब्जे वाली कई सीटों पर भी भाजपा को जीत हासिल हुई थी.
अब सीएम योगी फिर से पंचायत चुनावों में विपक्ष दलों को पटकनी देना चाहते हैं. जिसके चलते वह गांवों में साफ-सफाई से लेकर लोगों के इलाज और बच्चों की पढ़ाई की बेहतर सुविधा देने पर ध्यान दे रहे हैं. इसी के तहत उन्होने ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को आधुनिक शिक्षा के संसाधन उपलब्ध कराने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा देने का फैसला लिया है.
यूपी में 57,702 ग्राम पंचायत हैं. पहले चरण में सीएम योगी ने 22,700 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने के लिए धन मुहैया कराया है. इसके बाद शेष बची ग्राम पंचायतों में भी डिजिटल लाइब्रेरी होगी स्थापित करने के लिए धन मुहैया कराया जाएगा.
बच्चों के लिए कारगर साबित होगी डिजिटल लाइब्रेरी
एक डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने में चार लाख रुपए खर्च होंगे. इसमें दो लाख रुपए डिजिटल उपकरणों (कंप्यूटर, प्रिंटर, इंटरनेट सुविधा आदि) की खरीद पर खर्च होंगे. जबकि दो लाख रुपए डिजिटल-हार्ड कॉपी किताबों की खरीद पर खर्च किए जाएंगे. डिजिटल लाइब्रेरी में गांव के बच्चों को किताबें, प्रश्नोत्तरी, वीडियो, आडियो लेक्चर और अन्य डिजिटल संसाधनों उपलब्ध कराए जाएंगे. आनलाइन पढ़ाई और रिसर्च कार्यों के लिए इंटरनेट की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी.
योगी सरकार का मानना है कि समय के साथ शिक्षा क्षेत्र में जो लगातार बदलाव हो रहे हैं, उससे ग्रामीण बच्चों को जोड़ना जरूरी है. ग्रामीण बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली अध्ययन सामग्री डिजिटल लाइब्रेरी के जरिए मिल सकेगी और इस लाइब्रेरी के माध्यम से बच्चों तक ई-बुक्स, डिजिटल कंटेंट और अन्य शैक्षिक जानकारी आसानी से पहुंच सकेगी. बच्चों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी कारगर साबित होगी.
यही नहीं प्रदेश में यह योजना विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जिसमें शिक्षा के डिजिटलीकरण को प्राथमिकता दी गई है. इसके अलावा पंचायत चुनाव में सरकार के लिए गांवों के विकास को लेकर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना का प्रचार लाभकारी साबित होगा.