Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मोदी के हनुमान नाराज हो गए हैं। यहां हनुमान से जिक्र है चिराग पासवान का। चिराग जो मोदी को अपने पिता तुल्य मानते हैं और पीएम मोदी भी चिराग की कई बार सराहना कर चुके हैं। एनडीए सरकार में चिराग पासवान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर ही केंद्रीय मंत्री बनाया गया। लेकिन, चिराग पासवान योगी आदित्यनाथ से नाराज हो गए हैं।
नाराज होने की वजह यह है कि आने वाले दिनों में कांवड शुरू हो रहा है। उत्तर प्रदेश में जिला प्रशासन द्वारा कांवड़ियों के बीच अफवाह न फैले, इसलिए कांवड़ रूट पर दुकानदारों को उनका नाम लिखने का फरमान जारी किया गया है। इसी फरमान का चिराग पासवान ने विरोध किया है।
चिराग पासवान ने कहा कि वह भोजनालयों को मालिकों के नाम प्रदर्शित करने संबंधी मुजफ्फरनगर पुलिस के परामर्श का समर्थन नहीं करते हैं। जाति या धर्म के नाम पर मैं किसी भी विभेद का कतई समर्थन नहीं करता। यहां बताते चले कि चिराग पासवान के साथ ही साथ यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और मायावती ने भी इस फरमान को गलत बताया है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को मुजफ्फरनगर पुलिस के उस आदेश को ‘सामाजिक अपराध’ करार दिया जिसके तहत कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों से उनके मालिकों का नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने अदालतों से मामले का स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध भी किया। मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों का नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया है, ताकि ‘भ्रम की स्थिति’ से बचा जा सके। विपक्षी दल इस आदेश को समुदाय विशेष के व्यापारियों को निशाना बनाने के प्रयास के तौर पर देख रहे हैं।
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा कि पश्चिमी उप्र व मुजफ्फरनगर जिला के कांवड़ यात्रा मार्ग में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश एक गलत परम्परा है जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है। जनहित में सरकार इसे तुरंत वापस ले।
मुजफ्फरनगर के पुलिस प्रमुख अभिषेक सिंह ने सोमवार को कहा था कि जिले में कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यहां लगभग 240 किलोमीटर लंबा कांवड़ मार्ग है। मार्ग पर स्थित सभी होटल, ढाबे, ठेले वालों से अपने मालिकों या फिर वहां काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है। यह इसलिए जरूरी है, ताकि किसी कांवड़िये के मन में कोई भ्रम न रहे।