बलिया/गोरखपुरः कोरोना महामारी की दहशत के बीच गोरखपुर के बाद अब बलिया जिले में भी चमगादड़ों के मर कर पेड़ों से गिरने की घटना से सनसनी फैल गई है।
मनियर क्षेत्र के विशुनपुरा गांव के खड़ैंचा मौजे में साधन सहकारी समिति के पास बगीचे में वर्षों से पेड़ों पर चमगादड़ रहते हैं। ग्रामीणों के अनुसार पिछले कई दिन से चमगादड़ मर कर पेड़ों से गिर रहे हैं। जिला वन अधिकारी श्रद्धा यादव ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया कि वन विभाग के संज्ञान में यह मामला आया है।
क्षेत्रीय वन अधिकारी ने चार मृत चमगादड़ को अपनी सुपुर्दगी में लिया है। उन्होंने बताया कि मृत चमगादड़ का नमूना जांच के लिए भेजा जा रहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पायेगा। स्वास्थ्य विभाग और वन विभाग के साथ ही पशु चिकित्साधिकारियों की टीम कल मौके पर पहुंची।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मृत चमगादड़ों का नमूना लिया। इस बीच, खड़ैंचा मौजे गांव के प्रधान प्रतिनिधि राम तिवारी बबलू ने बताया कि मृत चमगादड़ों को कुत्ते नोच रहे हैं और कुछ लोग चमगादड़ का मांस खा भी रहे हैं। बबलू ने आरोप लगाया कि इससे महामारी फैलने की आशंकाएं बलवती होने के बावजूद प्रशासन इस मसले को गम्भीरता से नहीं ले रहा।
गौरतलब है कि पिछले दिनों गोरखपुर के बेलघाट इलाके में भी बड़ी संख्या में चमगादड़ संदिग्ध हालात में मरे पाए गए थे। ग्रामीण इसे कोरोनावायरस से जोड़ कर देख रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने आशंका जताई है कि उनकी मौत अत्यधिक गर्मी पड़ने और पानी उपलब्ध ना होने की वजह से हुई होगी। मृत चमगादड़़ों के सैंपल जांच के लिए बरेली स्थित भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान भेजे गए हैं।
ग्रामीण इस घटना को कोरोना वायरस संक्रमण से जोड़कर देख रहे हैं। वन विभाग को आशंका है कि अत्यधिक गर्मी और पानी न मिलने की वजह से ये चमगादड़ मर गये होंगे। बहरहाल, इन मृत चमगादड़ों को पोस्टमार्टम के लिए बरेली स्थित भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) भेज दिया गया है।
बेलघाट के पंकज शाही ने कहा, "मैंने अपने बगीचे में सुबह देखा कि आम के पेड़ के नीचे बड़ी संख्या में चमगादड़ मरे पड़े हैं। मेरे बाग से सटा हुआ एक और बाग है, वहां भी खासी संख्या में चमगादड़ मरे पड़े थे। ’’ शाही ने बताया कि उन्होंने इस बारे में वन विभाग को सूचना दी और उसकी टीम मृत चमगादड़ों को पोस्टमार्टम के लिए ले गयी। टीम के सदस्यों का भी कहना है कि बाग में पानी रखा जाए क्योंकि वे चमगादड़ बेइंतहा गर्मी की वजह से मरे हैं।
खजनी वन प्रभाग के रेंजर देवेंद्र कुमार ने बताया कि करीब 52 चमगादड़ मरे पाए गए हैं। उन सभी को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है इन चमगादड़ों की मौत अत्यधिक गर्मी और आसपास पानी ना मिलने की वजह से हुई। पास पड़ोस के तालाब भी सूखे हुए हैं। इस बीच, प्रभागीय वन अधिकारी अविनाश कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इन चमगादड़ों की मौत का असल कारण पता लग पाएगा।