उत्तर प्रदेश कांग्रेसः कांग्रेस का पूर्वांचल और सवर्ण वोटों पर फोकस, बीजेपी से तीन बार विधायक रहे अजय राय 2012 में कांग्रेस में शामिल हुए, जानें समीकरण

By राजेंद्र कुमार | Published: August 18, 2023 04:02 PM2023-08-18T16:02:15+5:302023-08-18T16:15:29+5:30

Uttar Pradesh Congress: यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के बाद अजय राय वाराणसी के दूसरे नेता हैं, जिन्हें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है.

Uttar Pradesh Congress: Congress's focus on Purvanchal and upper caste votes, Ajay Rai, a three-time MLA from BJP, joined Congress in 2012, know the equation | उत्तर प्रदेश कांग्रेसः कांग्रेस का पूर्वांचल और सवर्ण वोटों पर फोकस, बीजेपी से तीन बार विधायक रहे अजय राय 2012 में कांग्रेस में शामिल हुए, जानें समीकरण

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Highlightsप्रियंका गांधी ने अजय राय को दिलाई यूपी की कमान! अजय राय के सामने कांग्रेस के दूर हो चुके वोट बैंक को वापस लाने की चुनौती।पूर्वांचल की राजनीति में वह एक जाना-पहचाना नाम हैं.

लखनऊः लोकसभा चुनाव से पहले ठीक पहले कांग्रेस ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव कर दिया. जिसके चलते बृजलाल खाबरी की प्रदेश अध्यक्ष पद से छुट्टी करते हुए उनकी जगह पर पांच बार के विधायक रहे अजय राय को यूपी संगठन की कमान सौंपी गई. अजय राय भूमिहार हैं.

उनकी गिनती यूपी के संघर्षशील नेताओं में की जाती है. पूर्वांचल की राजनीति में वह एक जाना-पहचाना नाम हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन बार विधायक रहे अजय राय वर्ष 2012 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के बाद अजय राय वाराणसी के दूसरे नेता हैं, जिन्हें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है.

कांग्रेस ने पूर्वांचल पर फोकस करने और सवर्ण वोटरों को साधने की कवायद के तहत अजय राय पर विश्वास जताया है. पार्टी में यह चर्चा है कि अजय राय को यह महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के प्रयास से मिली है. पूर्वांचल के वाराणसी से होने के कारण अजय राय इस इलाके में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं.

भाजपा भी इस इलाके में अपने को मजबूत करने के लिए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के मुखिया ओम प्रकाश राजभर से हाल ही में हाथ मिलाया है. सूबे के ऐसे राजनीतिक हालातों को देखते हुए ही यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने अजय राय को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. अजय राय पूर्वांचल के इलाके में जाने-पहचाने नेता के रूप में देखे जाते हैं.

इस इलाके में भूमिहार ब्राह्मणों की बड़ी संख्या है. उन के कारण यह बड़ी आबादी कांग्रेस के साथ जुड़ सकती है. इसके साथ ही अन्य ब्राह्मण वर्ग भी कांग्रेस के साथ जुड़ सकता है, क्योंकि प्रदेश में ब्राह्मण समुदाय इस समय स्वयं को नेता विहीन मानता है.

कहा जाता है कि प्रदेश में कोई राजनीतिक दल ब्राह्मणों को उचित मान-सम्मान नहीं दे रहा है, जिससे ब्राह्मण समुदाय क्षुब्ध है और किसी विकल्प की तलाश कर रहा है. इन्हीं वजहों से माना जा रहा है कि कांग्रेस ने बहुत सोच-समझकर अजय राय को अपना अध्यक्ष बनाया है. 

कौन हैं अजय राय : 

अजय राय ने अस्सी के आखिरी दशक में अपनी सियासी पारी का आगाज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से किया था. वाराणसी में एबीवीपी के कार्यालय को स्थापित कराने में अजय राय की अहम भूमिका रही थी.

वाराणसी में एबीवीपी का कार्यालय पहले बरनवाल भवन हुआ करता था, जिसे अजय राय ने ही कब्जे से मुक्त कराकर एबीवीपी के दफ्तर में तब्दील किया था. एबीवीपी के रास्ते अजय राय बीजेपी में एंट्री की. वह मूलरूप से गाजीपुर के रहने वाले हैं, लेकिन उन्होंने अपनी सियासी कर्मभूमि वाराणसी को तीन दशक से बना रखा है.

अजय राय पहली बार वर्ष 1996 में विधायक बने थे. हिंदुत्व की आक्रमक राजनीति किया करने वाले अजय राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में वाराणसी सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था. वर्ष 2009 में उन्होने भाजपा का साथ छोड़ कर सपा में गए और वहाँ से वह वर्ष 2012 में कांग्रेस में शामिल हो गए.

अजय राय से कांग्रेस की उम्मीद: 

अब अजय राय यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बन गए हैं और कांग्रेस ने उनके जरिए अपने कोर वोटबैंक को जोड़ने की उम्मीद बांधी हैं. एक समय कांग्रेस का परंपरागत वोटर ब्राह्मण, भूमिहार, मुस्लिम और दलित माना जाता था. जैसे जैसे यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का यूपी में विस्तार हुआ, कांग्रेस का यह वोट बैंक उससे खिसकता गया.

कांग्रेस अब फिर से उसे अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है, जिसके लिए अजय राय को कमान सौंपी है. अजय राय सड़क पर उतरकर संघर्ष करने का भी जज्बा रखते हैं. ऐसे में अब अजय राय के सामने कांग्रेस को यूपी में दोबारा से खड़े करने की चुनौती है. अब देखना है कि वह कांग्रेस के खिसके पुराने वोट बैंक को वापस लाने में कितना सफल होंगे.

Web Title: Uttar Pradesh Congress: Congress's focus on Purvanchal and upper caste votes, Ajay Rai, a three-time MLA from BJP, joined Congress in 2012, know the equation

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