लखनऊः उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन की सुगबुगाहट फिर से शुरू हो गई है. यहां पार्टी मुख्यालय में अब यह चर्चा हो रही है कि इसी माह के अंत तक नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो जाएगा. पार्टी नेताओं के इस आकलन के चलते ही यूपी में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? इसे लेकर नेताओं के नाम पर अटकलें लगी जाने लगी है. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से लेकर आधा दर्जन से अधिक नेताओं के नाम पार्टी अध्यक्ष के दावेदारों के रूप में लिए जा रहे हैं.
उम्मीद है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर सहमति बनते ही यूपी के प्रदेश अध्यक्ष का नाम भी उजागर कर दिया जाएगा. भाजपा के कुछ सीनियर नेताओं का यह भी कहना है कि यूपी के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले भी हो सकता है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खेमे के नेता इससे सहमत नहीं है. उनका कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के बाद भी यूपी के प्रदेश अध्यक्ष का नाम उजागर किया जाएगा.
इसलिए हुआ विलंब
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरह ही यूपी के प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर लगातार विलंब हो रहा है. यूपी में भाजपा संगठन के चुनाव बीते साल अक्टूबर से शुरू हुए थे. तब यह दावा किया गया था कि इस साल के शुरू में पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा.
लेकिन यह दोनों ही कार्य अभी तक पूरे नहीं हुए. इसी वजह जिला संगठन के चुनावों में हुआ विलंब और पहलगाम हमले के कारण पार्टी के सीनियर नेताओं की व्यस्तता बताई जा रही है. पार्टी के तमाम नेता इस तरह के तर्कों से सहमत नहीं हैं. इनका कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के इंतजार में ही यूपी के प्रदेश अध्यक्ष का नाम फाइनल नहीं किया जा रहा हैं.
जबकि यूपी के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पार्टी के शीर्ष नेता अपना मन बना चुके हैं. बीते लोकसभा चुनावों में यूपी में मिली तगडी शिकस्त के बाद भी यह कवायद पार्टी के शीर्ष नेताओं के कर ली थी. लेकिन इसका ऐलान नहीं किया गया तो इसकी प्रमुख वजह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर अंतिम फैसला ना होना ही था. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए 50% प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने जरूरी है.
चूंकि अभी यूपी में पार्टी संगठन के चुनाव पूरे नहीं हुए हैं और कई राज्यों में भी पार्टी अध्यक्ष को लेकर फैसला लिया जाना था. यह फैसला बीते दिनों लिया गया और मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों का चयन कर लिया गया. इसी क्रम में अब जल्दी ही यूपी के प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान भी किया जाएगा.
यूपी में इन नामों पर हो रही है चर्चा
यूपी में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कई दावेदार हैं. पार्टी का एक बड़ा खेमा यह चाहता है कि राज्य में फिर से ओबीसी वर्ग के नेता को ही पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए. एक गुट ऐसा भी है जो यह चाहता है कि ब्राह्मण समाज के नेता हो प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए क्योंकि लंबे समय से इस समाज के नेताओं को पार्टी में प्रमुख ज़िम्मेदारी नहीं दी गई है जबकि यह समाज खुलकर पार्टी के साथ राज्य में खड़ा है.
ऐसी ही चर्चाओं के बीच ओबीसी दावेदार नेताओं में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, सांसद बाबू लाल निषाद और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी लिया जा रहा है. केशव प्रसाद मौर्य वर्ष 2017 में प्रदेश अध्यक्ष थे और उनकी अगुवाई में हुए चुनाव में ही भाजपा वर्षों बाद सत्ता पर काबिज हुई थी.
इसी तरह से दलित समाज के नेताओं में बेबी रानी मौर्य और बसपा से भाजपा में आए जुगल किशोर का भी नाम लिया जा रहा है. ब्राह्मण नेताओं में सांसद हरीश द्विवेदी और एमएलसी विजय पाठक सहित कई नेता प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पाने की जुगत में लगे हैं.