नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में अवैध प्रवासी पर बात की। कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा अमेरिका से निर्वासित किए गए भारतीय नागरिकों के बारे में राज्यसभा में उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हम जानते हैं कि कल 104 लोग वापस भारत पहुंचे हैं। हमने ही उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की है। हमें ऐसा नहीं समझना चाहिए कि यह कोई नया मुद्दा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो पहले भी होता रहा है। विदेशों में अवैध रूप से रह रहे अपने नागरिकों को वापस लेना सभी देशों का दायित्व। यह नीति केवल एक देश पर लागू नहीं है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका से भारतीयों को वापस भेजे जाने पर कहा कि निर्वासन की मौजूदा प्रक्रिया नयी नहीं है, यह कई वर्षों से जारी है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका की सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं कि निर्वासितों के साथ दुर्व्यवहार नहीं हो। हमारा ध्यान अवैध प्रवासियों से जुड़े ‘उद्योग’ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर होना चाहिए।
विपक्षी दलों के कई सांसदों ने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस भेजने के तरीके को लेकर बृहस्पतिवार को सरकार की आलोचना की तथा प्रवासियों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर सवाल उठाए। बुधवार को एक अमेरिकी सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा।
अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा निर्वासित भारतीयों का यह पहला जत्था है। निर्वासित लोगों ने दावा किया कि पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ-पैरों में हथकड़ी लगी रही और अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ही उन्हें खोला गया। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी (सपा) नेता अखिलेश यादव समेत विपक्षी सांसदों ने अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारतीयों के साथ किए गए व्यवहार के विरोध में संसद परिसर में प्रदर्शन किया। विपक्ष के कुछ नेताओं ने हथकड़ी पहनकर विरोध प्रदर्शन किया।
विपक्ष के हमलों के बीच केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि सरकार उचित समय पर अपनी राय रखेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक नीतिगत फैसला है और विपक्ष को इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।’’ सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि जिस तरह से भारतीयों को वापस भेजा गया, वह सरकार की ‘‘बेबसी’’ को दर्शाता है।
उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘महिलाओं के साथ जो व्यवहार किया गया और उन्हें अपराधियों की तरह हथकड़ी लगाकर वापस लाया गया... हम देश का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए देश की प्रतिष्ठा से ज्यादा उनकी व्यक्तिगत छवि महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक काला दिन है... प्रधानमंत्री चुप हैं।’’ कांग्रेस के एक अन्य नेता के. सी. वेणुगोपाल ने आश्चर्य जताया कि भारत और अमेरिका के बीच राजनयिक संबंध ऐसी स्थितियों को टालने में क्यों काम नहीं आ रहे हैं। लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘हमने इस मुद्दे पर संसद में कार्य स्थगन का नोटिस दिया है।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि अमेरिका को वहां अवैध रूप से रह रहे लोगों को वापस भेजने का कानूनी अधिकार है, लेकिन जिस तरह से उन्हें वापस भेजा गया, हम उसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इस काम के लिए असैन्य विमान का इस्तेमाल किया जा सकता था। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आजाद ने भी भारतीयों को वापस भेजने के तरीके पर सवाल उठाया और इस घटना को ‘‘पीड़ादायक’’ बताया।