वाराणसी, 6 जूनः उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पूर्वी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े रेलवे जंक्शन मुगल सराय जंक्शन का नाम बदल दिया है। सोमवार को सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिस में मुगल सराय जंक्शन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन रखने की जानकारी मिली। सरकार ने यह आदेश 15 मई को ही दे दिए थे।
न्यूज 18 की खबर के मुताबिक योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार में साल 2017 में ही इसकी संस्तुति की गई थी। अब सरकार ने राज्यपाल से अनुमति लेकर इस फैसले पर मुहर लगा दी है।
इसके पीछे तर्क दिया गया कि साल 1968 में पंडित दीन दयाल उपाध्याय मुगल सराय जंक्शन पर मृत पाए गए थे।
उल्लेखनीय है कि बीजेपी की नेतृत्व वाली सरकार नामों को बदलने को लेकर संवदेनशील है। इससे पहले दिल्ली में अकबर रोड को बदलने की सिफारिश की जा चुकी है। औरंगजेब रोड को लेकर भी जमकर बवाल हुआ था।
मुगल सराय जंक्शन की स्थापना ब्रिटिश काल में सन 1800 के आसपास हुई थी। यह दिल्ली को कलकत्ता से जोड़ने वाला सबसे बड़ा जंक्शन है। इसे देश चौथा सबसे ज्यादा व्यस्त रहने वाला रेलवे स्टेशन माना जाता है।
योगी सरकार ने 2017 में ही रेलवे मंत्रालय को इसकी संस्तुति भेज दी थी। मुगल सराय शहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को बिहार की सीमा से जोड़ता है। दिल्ली से बिहार जाने वाली तकरीबन सभी ट्रेन मुगल सराय से गुजरती हैं। जानकारी के अुनसार मुगल सराय शहर को हुमायू काल में बसाया गया था। तब से इसका नाम यही है। अब देखना होगा कि क्या जंक्शन के बाद मुगल सराय शहर के नाम बदलने की प्रक्रिया भी शुरू होगी?