उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री कपिल अग्रवाल ने मुजफ्फरनगर की एक अदालत में बृहस्पतिवार को आत्म समर्पण कर दिया और उन्हें जमानत दे दी गई। वह तीन आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास राज्य मंत्री अग्रवाल के खिलाफ 2016 में न्यू मंडी थाने और कोतवाली थाने में निषेधात्मक आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप में दो मामले दर्ज किए गए थे जबकि एक मामला 2012 में रेल सेवा को बाधित करने के आरोप में दर्ज किया गया था। बहरहाल, एक मामले में मुजफ्फरनगर से भाजपा विधायक के खिलाफ आरोप तय कर लिए गए हैं, जिसमें उन्होंने कोतवाली थाना क्षेत्र में निषेधात्मक आदेश का उल्लंघन कर रोड शो निकाला था। पुलिस ने अग्रवाल समेत भाजपा के कई कार्यकर्ताओं के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया था। विशेष न्यायाधीश गोपाल उपाध्याय ने अग्रवाल को 20-20 हजार रुपये की दो जमानतों पर राहत प्रदान कर दी और मामले को अगली सुनवाई के लिए आठ सितंबर को सूचीबद्ध कर दिया।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।