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यूपी सरकार पर बरसीं 'यूपी में का बा' सिंगर नेहा सिंह राठौर- सरकार ने मेरे खिलाफ चापलूस कवियों-गायकों की पूरी फौज उतार दी है

By अनिल शर्मा | Updated: January 31, 2022 13:17 IST

नेहा राठौर यूपी में का बा के बाद बीजेपी समर्थकों के निशाने पर हैं। उनको गीत के लिए सोशल मीडिया पर लगातार ट्रोल किया जा रहा है।

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ठळक मुद्देनेहा सिंह राठौर यूपी में का बा पार्ट 3 लाने की घोषणा की हैनेहा सिंह अपने गीतों में सामाजिक मुद्दों को बढ़-चढ़कर उठाती हैं

अपने गीतों में सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों को बेखौफ उठानेवालीं भोजपुरी गीतकार और गायिका नेहा राठौर इन दिनों काफी चर्चा में हैं। दरअसल नेहा राठौर ने रवि किशन के यूपी चुनाव को लेकर गाए रैप गीत- यूपी में सब बा को काउंटर करते हुए यूपी में का बा गीत गाया। यह गीता काफी लोकप्रिय हुआ। इसकी लोकप्रियता को देखते हुए नेहा ने इसका दूसरा हिस्सा भी लाया और अब तीसरे पार्ट को लाने की घोषणा कर दी है।

हालांकि नेहा राठौर यूपी में का बा के बाद बीजेपी समर्थकों के निशाने पर हैं। उनको गीत के लिए सोशल मीडिया पर लगातार ट्रोल किया जा रहा है। बावजूद इसके नेहा सिंह राठौर ने आलोचकों को साफ-साफ कह दिया है कि वह डरनेवालीं नहीं हैं और उनका सवाल सत्ता मैं बैठे लोगों से, सरकार से है। 

इस बीच नेहा ने सोशल मीडिया पर अपने एक पोस्ट में उनपर हो रहे हमले को लेकर एक लंबा पोस्ट साझा किया है। नेहा ने कहा कि सरकार ने उनके खिलाफ चापलूस कवियों और गायको की पूरी फौज उतार दी है। बकौल नेहा, मैं जनता की ओर से सवाल पूछ रही हूँ और चाहती हूँ कि सरकार मेरे सवालों के जवाब दे। लेकिन सरकार बहुत चालाक है। वो नहीं चाहती कि जनता और सरकार के बीच सीधा सवाल-जवाब हो। ऐसे में उसने मेरे विरुद्ध अपने चापलूस कवियों-गायकों की पूरी फौज उतार दी है।

नेहा ने पोस्ट में आगे लिखा है, चारण कवियों का एक पुराना इतिहास रहा है। ऐसे कवि राजा के चरणों में बैठकर कुछ सिक्कों और इनामों के लिए राजा की तारीफ में कविताएँ लिखते-गाते थे. यही इनकी रोजी-रोटी थी। वक्त बदल गया, पर ऐसे लोग आज भी मौजूद हैं।एक लोकगायक/जनकवि का काम जनता की तरफ से सरकार से सवाल पूछना है, जबकि चारण/भाट/दरबारी कवियों का काम सरकार की तरफ से जनता को जवाब देना है। यही हो रहा है।

सरकार चाहती है कि जनता मेरे सवालों को भूलकर इन चारण-भाटों की फर्जी कविताओं-गीतों में उलझकर रह जाए, और जनता का गुस्सा सरकार की बजाय इन दरबारी गायकों पर निकले। दरबारी कवियों/चारणों/भाटों का काम अपने हुजूर की तरफ से मुझे जवाब देना है, तो वो भी अपनी सारी मर्यादा भूलकर सरकार की ओर से मुझे जवाब देने में लगे हैं।

लोकगायिका नेहा राठौर ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव के ठीक पहले का समय ही एकमात्र समय होता है जब सरकारों की पूँछ दबी होती है। यही वो समय होता है जब जनता सरकारों से सवाल पूछकर अपनी नाराज़गी दर्ज करवा सकती है, अपनी जरूरतें बता सकती है और सुधार की कोशिश कर सकती है। लेकिन इन दरबारी गायकों ने इस संवेदनशील समय और जरूरी मौके पर सरकार की चापलूसी में जनता को भ्रमित कर रखा है. इन चारण कवियों-गायकों ने सरकारी पदों और सरकारी पुरस्कारों की उम्मीद में जनता से धोखाधड़ी की है। इसे याद रखा जाएगा। नेहा ने घोषणा की कि यूपी में का बा Part 3 जल्द आ रहा है।

 

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