बलात्कार के आरोपी उप्र के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय का आदेश रद्द किया, जानिए मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 15, 2020 19:42 IST2020-10-15T19:42:20+5:302020-10-15T19:42:20+5:30

सामूहिक बलात्कार केसः उप्र सरकार की अपील पर यह फैसला सुनाते हुये कहा कि उच्च न्यायालय का तीन सितंबर का आदेश संतोषप्रद नहीं है। गायत्री प्रजापति समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री थे और उन पर अन्य लोगों के साथ एक महिला का बलात्कार करने और उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ करने के प्रयास के आरोप हैं।

UP Ex-UP Minister Gayatri Prasad Prajapati Gang-rape Case SC Sets Aside HC's Interim Bail Medical Grounds | बलात्कार के आरोपी उप्र के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय का आदेश रद्द किया, जानिए मामला

अदालत को सूचित किया कि प्रजापति को हर तरह की मेडिकल सुविधा और इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। (file photo)

Highlightsमेडिकल आधार पर दो महीने की अंतरिम जमानत देने का इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश निरस्त कर दिया।आगे उपचार की जरूरत के लिये उन्हें मेडिकल आधार पर अंतरिम राहत देने के बारे में अपनी संतुष्टि दर्ज नहीं की है।कानून के तहत आरोपी सहित सभी के साथ मानवीय व्यवहार होना चाहिए।

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सामूहिक बलात्कार मामले में आरोपी उप्र के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को मेडिकल आधार पर दो महीने की अंतरिम जमानत देने का इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश निरस्त कर दिया।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने उप्र सरकार की अपील पर यह फैसला सुनाते हुये कहा कि उच्च न्यायालय का तीन सितंबर का आदेश संतोषप्रद नहीं है। प्रजापति समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री थे और उन पर अन्य लोगों के साथ एक महिला का बलात्कार करने और उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ करने के प्रयास के आरोप हैं।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने प्रजापति को मिल रहा उपचार अपर्याप्त होने और उन्हें किसी मेडिकल संस्थान विशेष से आगे उपचार की जरूरत के लिये उन्हें मेडिकल आधार पर अंतरिम राहत देने के बारे में अपनी संतुष्टि दर्ज नहीं की है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने रिकार्ड पर उपलब्ध सारी सामग्री पर विचार किये बगैर ही तीन सितंबर, 2020 का आदेश पारित कर दिया जो अरक्षणीय है। इसके परिणाम स्वरूप हम अपील स्वीकार करते हैं और तीन सितंबर का आदेश निरस्त करते हैं।’’

पीठ ने प्रजापति के वकील की इस दलील पर भी विचार किया कि प्रत्येक व्यक्ति को, भले ही वह किसी गंभीर अपराध में आरोपी ही हो, जेल प्राधिकारियों द्वारा मानवीय तरीके से पेश आने की अपेक्षा की जाती है। पीठ ने कहा, ‘‘इस बारे में कोई दो राय नहीं हो सकती। कानून के तहत आरोपी सहित सभी के साथ मानवीय व्यवहार होना चाहिए। यही नहीं, गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज को जेल में उचित इलाज उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

इस मामले में सुनवाई के दौरान उप्र सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि प्रजापति को हर तरह की मेडिकल सुविधा और इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। शीर्ष अदालत ने 21 सितंबर को प्रजापति को उच्च न्यायालय द्वारा तीन सितंबर को दी गयी दो महीने की अंतरिम जमानत पर रोक लगा दी थी। प्रजापति के खिलाफ गौतमपल्ली थाने में 2017 में सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था और उन्हें 15 मार्च, 2017 को गिरफ्तार कर लिया गया था।

Web Title: UP Ex-UP Minister Gayatri Prasad Prajapati Gang-rape Case SC Sets Aside HC's Interim Bail Medical Grounds

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे