गाजियाबाद: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के तहत आने वाला उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद शहर विधानसभा क्षेत्र शहरी इलाके की सीट है और लगभग सभी जाति-वर्ग के लोग यहां रहते हैं लेकिन इसे सामान्य वर्ग के मतदाताओं की बहुलता वाला माना जाता है।
गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में व्यापारी वर्ग के मतदाता खास भूमिका अदा करते हैं। गाजियाबाद शहर की विधानसभा सीट के लिए पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान होना है।
इस बार किस पार्टी से कौन है मैदान में?
इस सीट से 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं जबकि चार प्रत्याशियों के आवेदन खारिज हो चुके हैं। पिछले चार चुनावों में यहां लड़ाई कांग्रेस, बसपा और भाजपा उम्मीदवारों के बीच ही रही है।
यहां से भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक अतुल गर्ग, बसपा ने कृष्ण कुमार, कांग्रेस ने सुशांत गोयल और समाजवादी पार्टी ने विशाल वर्मा को उतारा है।
प्रत्याशियों पर दर्ज आपराधिक मामले
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के उम्मीदवार मेहताब पर सबसे अधिक चार मामले दर्ज हैं जबकि सपा के उम्मीदवार विशाल शर्मा पर एक मामला दर्ज है। वहीं, बहुजन मुक्ति पार्टी के अनिल मखवाना पर भी एक मामला दर्ज है।
2017 में क्या रहा था परिणाम?
गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट से फिलहाल भाजपा के अतुल गर्ग विधायक हैं और वह सूबे की सरकार में मंत्री भी हैं। 2017 के चुनाव में गर्ग के सामने बसपा से सुरेश बंसल थे।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्रालय के राज्यमंत्री गर्ग ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बंसल को 70505 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। गर्ग को 1 लाख 24 हजार 201 वोट मिले थे। वहीं, बंसल 53696 वोट ही प्राप्त कर सके थे।
पिछले चुनावों में किस पार्टी का पलड़ा रहा भारी
पिछले चार में से दो चुनाव में बाजी भाजपा के उम्मीदवारों के हाथ लगी है। एक दफे बसपा और एक ही दफे कांग्रेस के उम्मीदवार को भी जीत मिली है।
साल 2002 में इस सीट से कांग्रेस के सुरेंद्र प्रकाश गोयल, 2007 में भाजपा के सुनील कुमार शर्मा, 2012 में बसपा के सुरेश कुमार बंसल गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट से विधानसभा पहुंचे थे।
गाजियाबाद सदर सीट का जातीय समीकरण
जिले की आबादी 50 लाख से ज्यादा है जिसमें करीब 70 फीसदी आबादी हिंदू है जबकि करीब 25 फीसदी मुस्लिम आबादी है। गाजियाबाद सदर विधानसभा क्षेत्र में हिंदू वोटरों की तादाद ज्यादा है। साल 2017 के आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर करीब 4.22 लाख मतदाता हैं।
वहीं अगर जातीय समीकरणों की बात करें तो दलित और मुस्लिम गाजियाबाद में काफी निर्णायक रहा है। इस सीट पर सबसे ज्यादा मतदाता ब्राह्मण 53856, वैश्य 35672, दलित 76573, मुस्लिम 33555, ठाकुर 25566, यादव 11745, पंजाबी 12421 और ओबीसी 43786 हैं।
गाजियाबाद का इतिहास
कभी मेरठ जिले का हिस्सा रहा गाजियाबाद एक तहसील था और 14 नवंबर, 1976 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने नेहरू के जन्मदिवस के मौके पर गाजियाबाद को जिला बनाने का फैसला किया था। जिला बनने के बाद अगस्त 1994 में गाजियाबाद को नगर निगम का दर्जा दिया गया।