लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में महाकुंभ के आयोजन को लेकर विपक्षी विधायकों के सवाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नागवार लगे थे. सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई बहस के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिए गए जवाब से यह स्पष्ट हुआ.
सीएम योगी ने महाकुंभ के आयोजन पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए तीखे शब्दों के जरिए यह कहा कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसे वो मिला. गिद्धों को केवल लाश मिली, जबकि आस्थावान को पुण्य मिला. वैसे भी गिद्धों को लाशें नजर आती हैं सनातन की सुंदरता नहीं.
यह दावा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के अंदर सनातन के प्रति कोई श्रद्धा भाव नहीं था, इसलिए उन्होंने अपनी सरकार में एक गैर सनातनी को कुंभ का प्रभार दिया, जबकि इस आयोजन में मैं खुद इसकी निगरानी करता रहा. इसलिए उन्हें महाकुंभ में गंदगी दिखी और अलग-अलग भाव भी दिखे.
योगी ने विपक्ष पर हमला बोला, तारीफ भी की
सपा नेताओं तीखे शब्दों के इस तरह से हमला करते हुए सीएम योगी ने सदन में यह भी कहा कि किसी ने सच कहा है कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसको वह मिला, गिद्धों को केवल लाश मिली, सूअरों को गंदगी मिली, संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली, आस्थावान को पुण्य मिला, सज्जनों को सज्जनता मिली और भक्तों को भगवान मिले.
इतना सब कुछ कहने के बाद सीएम योगी ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के जिक्र किया और बोले नेता प्रतिपक्ष अब समाजवादी से सनातनी हो गए हैं. यह देखकर अच्छा लगा कि उन्होंने अपने सदस्यों को सनातन को लेकर टोंका भी था. और अयोध्या के बारे में चर्चा की थी. यह अच्छा लगा आपने (माता प्रसाद) महाकुंभ को स्वीकार कर लिया. अयोध्या को स्वीकार किया. सनातन को स्वीकार किया.
मुख्यमंत्री ने कहा, हमारे यहां मान्यता भी यही है कि सोशलिस्ट यानी समाजवादी जब अंतिम पायदान पर खड़ा होता है तो उसे धर्म की याद आती है. उन्होंने कहा कि इस बार आप महाकुंभ गए, वहां स्नान किया और व्यवस्थाओं की मुक्त कंठ से प्रशंसा भी की. आपने माना कि महाकुंभ में अगर विश्वस्तरीय व्यवस्था नहीं होती तो अब तक 63 करोड़ श्रद्धालु न आते.
सदन में सपा नेताओं ने संवैधानिक आचरण नहीं किया : योगी
सदन में विपक्षी नेताओं के विरोध के कारण राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को अपना आभिभाषण पूरा पढ़े बिना ही सदन से जाना पड़ा. इसका उल्लेख करते हुए सीएम योगी ने सपा विधायकों के व्यवहार की निंदा करते हुए सवाल किया कि क्या उनका यह आचरण संवैधानिक था. विपक्षी विधायकों की ओर से की गई टिप्पणियां और व्यवहार कैसे असंवैधानिक था. यह भी सीएम योगी ने बताया।
उन्होंने कहा कि सपा नेता संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं, लेकिन संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के प्रति आपका रवैया किस तरह का रहा है, सदन में इसे सभी ने देखा. सपा नेताओं ने जिस तरह शोरगुल करते हुए जिस तरह की कमेंट्स किए किए और व्यवहार किया वह संवैधानिक नहीं था.
सीएम योगी ने यह भी कहा कि सपा नेता बहुत भाषण देते हैं, लेकिन उनकी सोच, भाषा और व्यवहार को देखना हो तो समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल को देखिए, यह लोग दूसरों को बहुत उपदेश देते हैं, लेकिन खुद के आचरण को नहीं देखते.