UP Bypoll Results 2024 Live: उत्तर प्रदेश में विपक्ष के हाथों बीते लोकसभा चुनाव में मिली का बदला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौ सीटों पर हुए उपचुनाव में सात सीटों पर जीत हासिल कर ले लिया. इन नौ सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों को जिताने की ज़िम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ली थी. अपनी आक्रामक छवि और धार्मिक एकजुटता के एजेंडा के तहत सीएम योगी ने बटेंगे तो कटेंगे के नारे को लगाकर अखिलेश यादव के पीडीए फार्मूले को ध्वस्त कर दिया. उपचुनाव की नौ में से सात सीटों पर भाजपा को मिली जीत को सीएम योगी का करिश्मा बताया जा रहा है.
यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस की इन चुनावों से दूरी भी सपा के लिए नुकसानदेह और भाजपा के लिए फायदेमंद रही है. बसपा के लिए उपचुनाव का परिणाम उसके अस्तित्व के लिए खतरे का संकेत है. उपचुनाव में सूबे की जनता ने सपा सुप्रीमो मायावती और उनके उत्तराधिकारी आकाश ही राजनीति को ही नकार दिया है.
UP Bypoll Results 2024 Live: उत्तर प्रदेश उप चुनाव के नतीजे:
सीट जीते पार्टी गाजियाबाद संजीव शर्मा भाजपा मझवां शुचिस्मिता मौर्य भाजपा खैर सुरेन्द्र पाल भाजपा फूलपुर दीपक पटेल भाजपा कुंदरकी रामवीर सिंह भाजपा कटेहरी धर्मपाल निषाद भाजपा मीरापुर मिथलेश पाल रालोदकरहल तेज प्रताप यादव सपा सीसामऊ नसीम सोलंकी सपा
योगी की धार्मिक एकजुटता रंग लाई
यूपी की जिन नौ सीटों पर उपचुनाव हुए उनमें गाजियाबाद, मझवां, खैर, फूलपुर, कुंदरकी और कटेहरी सीट पर भाजपा उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल रहे. जबकि मीरापुर सीट पर भाजपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल( रालोद) की उम्मीदवार मिथलेश पाल चुनाव जीती. सपा सिर्फ करहल और सीसामऊ सीट ही दोबारा जीतने में सफल हुई है.
इस उपचुनाव में योगी के करिश्मे ने सपा से कुंदरकी और कटेहरी सीट छीनी है. इन सीटों सपा की हार का कारण ओबीसी और दलित वर्ग के वोटों का सपा से छिटकना माना जा रहा है. जबकि भाजपा उम्मीदवारों की जीत ही वजह सीएम योगी की चुनावी रणनीति मानी जा रही है. बीते लोकसभा चुनाव में चुनाव धर्म से उठकर पूरी तरह से जातियों के बीच का चुनाव हो गया था.
जिसके चलते राम मंदिर वाली फैजाबाद की सीट भी भाजपा हार गई थी. इस हार का संज्ञान लेते हुए सीएम योगी ने उपचुनाव की नौ सीटों को जीतने के लिए पुख्ता राजनीति तैयार ही. सोशल इंजीनियरिंग के अनुसार उम्मीदवारों को टिकट दिए. 30 मंत्रियों की ड्यूटी उपचुनाव वाली विधानसभाओं में लगाई.
पार्टी के कार्यकर्ता सुस्त न हों इसके लिए लगातार बैठकों का दौर जारी रहा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी पक्ष में जनमत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. इस चुनाव में धार्मिक एकजुटता पर ज़ोर दिया. बटोगे तो कटोगे का नारा दिया. इस नारे का असर हुआ और चुनाव परिणाम बता रहे हैं कि लोगों ने जाति के ऊपर धर्म को चुना.
सपा को कांग्रेस से दूरी बनाना भारी पड़ा
सीएम योगी के जबर्दस्त चुनाव प्रचार के चलते इन चुनावों में यूपी में जाति जनगणना और संविधान का मुद्दा गायब रहा. कांग्रेस के इन चुनावों में दूर रहने का भी असर हुआ. सपा के पक्ष में जो माहौल लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में बना था, वह नहीं बना. संविधान और जातीय जनगणना को प्रमुखता से उठाने वाले राहुल गांधी यूपी के उपचुनाव से गायब रहे.
अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस को साथ लेकर कोई चुनावी सभा नहीं की. परिणाम स्वरूप कांग्रेस के समर्थक सपा के पक्ष में आगे नहीं आए. इस कारण दलित समाज का वोट सपा को पक्ष में नहीं पड़ा और कटेहरी, मझवां और कुंदरकी सीट पर सपा को हार का सामना करना पड़ा. मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर भाजपा को 32 साल बाद जीत हासिल हुई.