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यूपी उपचुनाव 2024: सीट बंटवारे से संजय निषाद खफा, अमित शाह से करेंगे मुलाकात

By राजेंद्र कुमार | Updated: October 14, 2024 19:13 IST

UP by-election 2024: भाजपा नेताओं द्वारा विधानसभा ही दस सीटों पर होने वाले उपचुनावों में संजय निषाद के दावे की अनदेखी किए जाने को लेकर यूपी में निषाद समाज के लोगों नाराज है।

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा नौ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने का जो फैसला लिया है, उससे निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद खफा खफा हैं। संजय निषाद योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। उनका कहना है कि सीटों के बटवारे में उनके दावे की अनदेखी की गई है।

ऐसे में संजय निषाद ने भाजपा के सीनियर नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर सीटों के बटवारे में उनकी कैसी अनदेखी यूपी के नेता कर रहे हैं, यह बताने का फैसला किया है। निषाद पार्टी के नेताओं कहना है कि अगर उपचुनावों में पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई तो पार्टी चुनाव प्रचार से दूर रहेगी।

भाजपा नेताओं द्वारा विधानसभा ही दस सीटों पर होने वाले उपचुनावों में संजय निषाद के दावे की अनदेखी किए जाने को लेकर यूपी में निषाद समाज के लोगों नाराज है। इन लोगों का मत है कि भाजपा अपने सहयोगियों के साथ समान व्यवहार नहीं करती। यही वजह है कि भाजपा नेताओं ने राष्ट्रीय लोकदल के लिए उपचुनाव में मीरापुर सीट छोड़ी, लेकिन निषाद पार्टी के दावे को दरकिनार किया, जबकि जिस मझवां और कटेहरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है, वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर निषाद पार्टी ने चुनाव लड़ा था।

मझवां निषाद पार्टी के विनोद कुमार बिंद चुनाव जीतकर विधायक बने। जो बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर भदोही से चुनाव लड़कर सांसद चुने गए हैं। इसीलिए संजय निषाद ने भाजपा से उपचुनाव में यह दो सीटें छोड़ने का आग्रह किया था। उनके इस आग्रह को सीएम योगी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने महत्व नहीं दिया।

पार्टी नेताओं का कहना है कि राज्य में करीब चार फीसदी निषाद वोटरों को प्रभावित करने वाली निषाद पार्टी के वोटों पर कब्जा करने के लिए ही अब पार्टी नेता संजय निषाद के दावे की अनदेखी भाजपा के राज्य स्तरीय नेताओं ने की है। ऐसे में संजय निषाद ने अब गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर अपना विरोध जताने का फैसला किया है।

भाजपा नेताओं का तर्क

निषाद पार्टी के नेताओं के इस कथन पर भाजपा प्रवक्ताओं का कहना है कि सूबे में होने वाले उपचुनाव पार्टी के लिए वर्ष 2027 का सेमीफाइनल माना जा रहा। इसलिए भाजपा सरकार और संगठन हर हाल में इस चुनावी जंग को जीतना चाहता है। इसी वजह से पार्टी ने मझवां विधानसभा सीट निषाद पार्टी को न देकर अपना प्रत्याशी उतारने की रूपरेखा बनाई है। रही बात कटेहरी सीट की तो वहां निषाद पार्टी के पास मजबूत उम्मीदवार नहीं है, इस कारण इस सीट पर भाजपा कोई रिस्क लेने को तैयार नहीं है।

भाजपा प्रवक्ताओं के इस कथन से साफ है कि उपचुनावों में निषाद पार्टी को कोई सीट भाजपा से नहीं मिलेगी। यह स्पष्ट होने के बाद ही निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद अब केंद्रीय अमित शाह से मुलाकात कर अपना पक्ष रखने का फैसला किया है। इसके साथ ही उनके नजदीकी नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उप चुनावों में सीट ना मिलने की स्थिति में निषाद पार्टी भाजपा के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने से दूर रहेगी। 

टॅग्स :निषाद पार्टीअमित शाहउत्तर प्रदेश
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